गाजीपुर: पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर नई मुसीबत आई है. अब आयकर विभाग की टीमें ने गाजीपुर में 127 करोड़ कीमत के एक भूखंड को लेकर नोटिस जारी किया है. बांदा जेल में यह नोटिस सर्व कराते हुए आयकर विभाग ने करीब एक दर्जन सवाल पूछे हैं. यह जमीन एक करोड़ 29 लाख रुपये में गणेश दत्त मिश्रा ने खरीदी थी. लेकिन इसके लिए गणेश ने जिस कंपनी से लोन लिया था, उस कंपनी में मुख्तार के परिजन ही डायरेक्टर हैं.
ऐसे में आयकर विभाग मुख्तार के साथ गणेश दत्त के संबंधों को भी समझने का प्रयास कर रहा है. बता दें कि मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों की जांच काफी समय से चल रही है. इसमें गाजीपुर में 127 करोड़ की संपत्ति भी शामिल है. हालांकि आयकर विभाग ने पहली बार मुख्तार को नोटिस दिया है. इसके लिए आयकर कर्मी बुधवार को खुद बांदा जेल पहुंचे और यह नोटिस सर्व कराया. बेनामी संपत्ति कानून मामले में जारी इस नोटिस के जरिए आयकर विभाग ने मुख्तार से संपत्ति से संबंधित करीब एक दर्जन सवाल पूछे हैं.
आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक यह जमीन भले ही गणेश दत्त मिश्रा नामक व्यक्ति ने एक करोड़ 29 लाख रुपये में खरीदी है, लेकिन उसकी इतनी हैसियत नहीं है कि इतना पैसा एक बार में खर्च कर सके. विभाग की टीम ने जांच की तो पता चला कि उसने जमीन खरीदने के लिए जिस कंपनी से लोन लिया था, उसमें मुख्तार के परिवार के लोग निदेशक और शेयर होल्डर हैं. इनमें एक शेयर होल्डर मोहम्मद सुहेब मुजाहिद भी है.
उसे फर्जी एंबुलेंस मामले में पहले ही मुख्तार के साथ चार्जशीट किया गया है. ऐसे में साफ तौर पर यह माना जा रहा है कि यह कंपनी भी मुख्तार की ही है. इसी प्रकार मुख्तार की पत्नी अफशा अंसारी भी इस कंपनी से जुड़ी हुई है. अफशा इस समय फरार है और उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसके खिलाफ एक लाख का इनाम घोषित किया हुआ है.
आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी को जारी नोटिस में इस संपत्ति को खरीदने के लिए इस्तेमाल की गई रकम का श्रोत भी पूछा है. इसी के साथ गणेश दत्त मिश्रा से उसके संबंधों के बारे में पूछा गया है. इसके लिए आयकर विभाग ने मुख्तार को एक सप्ताह का समय दिया है. चेतावनी दी है कि समय से जवाब नहीं मिलने या संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इस संपत्ति को गाजे बाजे के साथ कुर्क कर लिया जाएगा.