बिहार सरकार द्वारा पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर पूर्व आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि हम खुश नहीं हैं, हमें लगता है कि यह गलत है। बिहार में जाति की राजनीति है, वह राजपूत है, इसलिए उसे राजपूत वोट मिलेंगे और इसलिए (जेल से) निकाला जा रहा है, वरना अपराधी को लाने की क्या जरूरत है। उन्हें चुनाव का टिकट दिया जाएगा ताकि वे राजपूत वोट ला सकें।
नीतीश कुमार हत्या के दोषी व्यक्ति को रिहा करके एक भयानक मिसाल कायम कर रहे हैं। यह अपराधियों को सरकारी अधिकारियों पर हमला करने के लिए प्रोत्साहित करेगा क्योंकि वे जानते हैं कि वे आसानी से जेल से बाहर निकल सकते हैं। महज चंद राजपूत वोटों के लिए उन्होंने ऐसा फैसला लिया है, जिसके आम लोगों के लिए इतने दुष्परिणाम हैं।
दलित आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी जी उमा कृष्णैया ने कहा कि राजपूत समुदाय को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या वे चाहते हैं कि आनंद मोहन जैसा अपराधी राजनीति में उनका प्रतिनिधित्व करे। बिहार सरकार ने बिहार जेल नियमावली में संशोधन कर मोहन समेत 27 कैदियों की रिहाई की अधिसूचना जारी की है।