भारत ने हिंसाग्रस्त सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ‘‘ऑपरेशन कावेरी’’ शुरू किया है जिसके तहत अब तक कई भारतीयों को सुरक्षित निकाल भी लिया गया है। सूडान से तिरंगे के साथ लौट रहे भारतीयों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही है और इसी के साथ दुनिया भर में रह रहे भारतीयों के मन में यह विश्वास और प्रबल हुआ है कि वह जहां कहीं भी हों, यदि कभी कोई मुश्किल आई तो भारत तत्काल मदद के लिए पहुँचेगा। सूडान में हिंसक संघर्ष के बीच फंसे अपने लोगों को निकालने के लिए भारत ने जिस तरह सूडान में प्रभावी उपस्थिति रखने वाले देशों से लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव तक की मदद ली वह काबिलेतारीफ भी है और हर भारतीय की जान के प्रति भारत सरकार की चिंता को भी दर्शाता है। हम आपको यह भी बता दें कि भारत इससे पूर्व युद्ध और गृहयुद्ध जैसे हालात के बीच यमन, अफगानिस्तान, सीरिया और यूक्रेन से भी भारतीयों की सुरक्षित वापसी करा चुका है।
बहरहाल, ऑपरेशन कावेरी के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय जहाज और विमान भारतीयों को स्वदेश लाने के लिये तैयार हैं। जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा, सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू हो गया है। करीब 500 भारतीय सूडान के बंदरगाह पहुंच गए हैं। कई और रास्ते में हैं।’’ विदेश मंत्री ने कहा, हमारे जहाज और विमान उन्हें (नागरिकों) घर वापस लाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सूडान में हमारे बंधुओं को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने को हम प्रतिबद्ध हैं।’’ हम आपको बता दें कि रविवार को भारत ने कहा था कि हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को इस अफ्रीकी देश से सुरक्षित रूप से निकालने की अपनी आकस्मिक योजना के तहत जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार रखे गए हैं। साथ ही, भारतीय नौसेना के एक जहाज आईएनएस सुमेधा को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बंदरगाह पर रखा गया है। इससे पहले, शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आकस्मिक योजनाओं की तैयारी के लिए निर्देश दिये थे। उल्लेखनीय है कि सूडान में वहां की सेना और एक अर्द्धसैनिक समूह के बीच पिछले 10 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
हम आपको यह भी बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर ने हिंसाग्रस्त सूडान की स्थिति पर हाल ही में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की थी। इसके अलावा भारत अमेरिका, मिस्र, संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों के सम्पर्क में है ताकि सभी भारतीयों की सूडान से निकासी हो सके।
इस बीच, फ्रांस ने हिंसाग्रस्त सूडान से निकासी अभियान के तहत पांच भारतीय नागरिकों सहित 28 देशों के नागरिकों को बाहर निकाला है। नयी दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने कहा है कि भारत सहित 28 देशों के 388 लोगों को बाहर निकाला गया है। रविवार को सऊदी अरब ने भी कहा था कि उसने घनिष्ठ संबंध रखने वाले देशों और मित्र राष्ट्रों के 66 नागरिकों को सूडान से सुरक्षित रूप से निकाला है, जिनमें कुछ भारतीय भी शामिल हैं।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है और इसकी निगरानी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन करेंगे। कोच्चि में ‘युवम’ सम्मेलन में लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केरल के बेटे मुरलीधरन फंसे हुए लोगों को वापस लाने के अभियान की निगरानी करेंगे।
बहरहाल, जहां तक ऑपरेशन कावेरी की बात है तो आपको बता दें कि यह नाम कर्नाटक विधानसभा चुनावों को देखते हुए भी रखा गया है। सूडान में फंसे भारतीयों में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के लोग काफी संख्या में हैं। कर्नाटक में बहने वाली कावेरी नदी का पानी भी इन तीनों राज्यों को मिलता है। हम आपको यह भी बता दें कि पिछले साल जब यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया गया था उस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव चल रहे थे। यहां यह भी ध्यान रखे जाने की जरूरत है कि गंगा उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदी है।