दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में स्थानांतरित किए गए 12 चीतों में से एक चीते की रविवार को मौत हो गई। यह जानकारी एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि मृत चीता उदय की उम्र छह साल थी। गौरतलब है कि केएनपी में करीब एक महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले नामीबिया से केएनपी में लाये गये ‘साशा’ नाम के चीते की 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी के कारण मौत हो गई थी।
मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) जे एस चौहान ने बताया, ‘‘आज सुबह निरीक्षण के दौरान दक्षिण अफ्रीका से लाये गये एक चीते की गर्दन झुकी हुई थी, और वह अपना सिर ऊपर नहीं उठा रहा था। इसके बाद उसका इलाज कर रहे पशु चिकित्सकों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क किया और उसे इलाज के लिए बड़े बाड़े से बाहर निकाला गया। दुर्भाग्यवश इस चीते की शाम चार बजे मृत्यु हो गई।’’
वहीं, एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चीते की दैनिक निगरानी हेतु दल द्वारा आज सुबह नौ बजे बाड़ा क्रमांक 2 में मौजूद नर चीता ‘उदय’ को सिर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा पाया गया। विज्ञप्ति के अनुसार चीता के करीब जाने पर चीता उठकर लड़खड़ाकर एवं गर्दन झुकाकर चलता पाया गया, जबकि प्रोटोकॉल अनुसार प्रतिदिन सुबह-शाम की निगरानी के दौरान एक दिन पहले यह चीता स्वस्थ पाया गया था। इसमें कहा गया है कि इसके बाद वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा तत्काल मौके पर जाकर इसका निरीक्षण किया और प्रथम दृष्ट्या बीमार पाया।
विज्ञप्ति के अनुसार उचित प्रक्रिया के बाद वन्यजीव पशु चिकित्सकों की सलाह पर इस चीते को पूर्वाह्न 11 बजे बेहोश करके मौके पर ही उपचार दिया गया। विज्ञप्ति के अनुसार चीते के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे पृथक-वास वार्ड में आगे के उपचार एवं सतत निगरानी हेतु रखा गया और उपचार के दौरान शाम लगभग चार बजे इसकी मृत्य हो गई। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस चीते की मृत्यु का कारण वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा शव परीक्षण के आधार पर ही स्पष्ट हो सकेगा। इस साल 18 फरवरी को सात नर और पांच मादाओं सहित 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में लाया गया था। इन चीतों में ‘उदय’ नाम का चीता भी शामिल था।