महाराष्ट्र की राजनीति में बदल रहे घटनाक्रमों के बीच अब पाकिस्तान की भी एंट्री हो गयी है। इसी के साथ ही उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने ऐलान कर दिया है कि एकनाथ शिंदे सरकार का डेथ वारंट जारी हो गये हैं और यह सरकार 15 दिनों में गिर जायेगी। दूसरी ओर शरद पवार अपनी पार्टी को किसी भी टूट से बचाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं और उन्होंने एनसीपी को तोड़ने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली है।
जहां तक शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों में जारी विवाद की बात है तो आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे की ओर से सरकार, पार्टी और चुनाव चिह्न छीन लिये जाने के बाद से उद्धव ठाकरे उन पर लगातार हमलावर हैं। रविवार को जब वह उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पछोरा में एक विशाल रैली को संबोधित करने पहुँचे तो वहां भीड़ को देखकर गदगद हो गये। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें लोगों से मिल रहे समर्थन को देखकर पाकिस्तान भी बता देगा कि असली शिवसेना किसकी है, लेकिन निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि वह ‘मोतियाबिंद से पीड़ित’ है। हालांकि उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि शिवसेना किसकी है, यह तय करने के लिए पाकिस्तान के प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उद्धव ठाकरे ने रैली को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि उनकी पार्टी और समर्थक यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘गद्दारों’ का राजनीतिक रूप से सफाया हो जाए। विशाल रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने जनसभा में इतनी बड़ी संख्या में आने के लिए अपने समर्थकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बागी गुट के हाथों पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न गंवाने के बाद उनके पास समर्थकों को देने के लिए कुछ भी नहीं था लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में लोग आये। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, “यहां मौजूद लोगों की संख्या को देखते हुए पाकिस्तान भी जान जाएगा कि कौन असली शिवसेना है, लेकिन निर्वाचन आयोग नहीं, क्योंकि वह मोतियाबिंद से पीड़ित है।”
उद्धव ठाकरे ने बगावत को लेकर अपने समर्थकों से मतदान के जरिये मुख्यमंत्री शिंदे और उनके 40 समर्थक विधायकों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करने का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे राजनीतिक रूप से समाप्त हो जाएं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी का ‘वज्रमूठ’ (लोहे की मुट्ठी) एमवीए गठबंधन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राज्य में चुनाव कराने की चुनौती दी। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि उनकी पार्टी का ‘मशाल’ चुनाव चिह्न शिंदे और भाजपा के सिंहासन को आग लगा देगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों ने उन्हें धोखा दिया, लेकिन इन लोगों को चुनाव जिताने वाले लोग उनके साथ हैं।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि असली शिवसेना किसकी है, यह तय करने के लिए पाकिस्तान के प्रमाणपत्र की जरूरत है। ठाणे में आयोजित एक कार्यक्रम में उद्धव की टिप्पणी की तरफ इशारा करते हुए शिंदे ने कहा, “जलगांव में किसी ने कहा कि पाकिस्तान को भी पता चल जाएगा कि असली शिवसेना किसकी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि शिवसेना किसकी है, यह तय करने के लिए पाकिस्तान के प्रमाणपत्र की जरूरत है।”
इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार का ‘‘डेथ वारंट’’ जारी हो गया है और यह अगले 15-20 दिन में गिर जाएगी। हालांकि, सत्तारुढ़ शिवसेना (शिंदे के नेतृत्व वाली) ने राउत को ‘फर्जी ज्योतिषी’ करार दिया और कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) में ऐसे कई नेता हैं, जो इस तरह की भविष्यवाणियां करते हैं। संजय राउत ने जलगांव में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी अदालत के आदेश का इंतजार कर रही है और उम्मीद कर रही है कि न्याय किया जाएगा। हम आपको बता दें कि राज्यसभा सदस्य संजय राउत उच्चतम न्यायालय में लंबित उन याचिकाओं का जिक्र कर रहे थे, जिनमें से एक में शिवसेना (शिंदे धड़े) के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया गया है, जिन्होंने उद्धव के नेतृत्व के खिलाफ बगावत की थी। वहीं, पुणे में महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री एवं शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सदस्य दीपक केसरकर ने राउत को ‘फर्जी ज्योतिषी’ बताया।
दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि अगर कोई राकांपा को तोड़ने की कोशिश की साजिश रच रहा है, तो पार्टी को कड़ी कार्रवाई करनी होगी। राकांपा प्रमुख की यह टिप्पणी उनके भतीजे अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर जारी अटकलों के बीच आई है। ऐसी चर्चाएं हैं कि अजित पवार महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। अजित पवार ने शुक्रवार को कहा था कि वह ‘100 प्रतिशत महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहेंगे’ और राकांपा 2024 के विधानसभा चुनावों का इंतजार करने के बजाय ‘अभी भी’ मुख्यमंत्री पद पर दावा जता सकती है। शरद पवार ने कहा, “अगर कल कोई पार्टी (राकांपा) को तोड़ने की कोशिश कर रहा है, तो यह उनकी रणनीति है। यदि हमें एक रुख अपनाना है तो हमें कड़ा रुख अपनाना होगा। हालांकि, इस मुद्दे पर आज बात करना उचित नहीं है, क्योंकि हमने इस पर अभी तक चर्चा नहीं की है।”