UP: शाइस्ता परवीन की चुनौती पुलिस नहीं अरबों का ब्लैक-मार्केट बचाना है

UP: शाइस्ता परवीन की चुनौती पुलिस नहीं अरबों का ब्लैक-मार्केट बचाना है

प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अब तक, एक-एक करके उसी कांड से जुड़े 9 लोगों की लाशें पुलिस बीन चुकी है. जिनकी लाशें पुलिस ने अब तक उमेश पाल कांड वाले दिन से उठाई हैं, उनमें उमेश पाल खुद, उनके दो सरकारी गनर सिपाही, उस तिहरे कांड को अंजाम देने में सबसे आगे दौड़-दौड़कर गोलियां झोंक रहा अतीक और शाइस्ता परवीन का बदमाश शूटर बेटा असद खान, शूटर गुलाम, प्रयागराज पुलिस द्वारा ढेर दो अन्य शूटर और अंत में 15 अप्रैल की रात प्रयागराज स्थित एक अस्पताल परिसर में रात के वक्त गोलियों से भून डाला गया सजायाफ्ता मुजरिम माफिया डॉन, अतीक अहमद व, उसके साथ हथकड़ियों में बंधा उसका बदमाश भाई अशरफ है.

ये नौ लाशें तो वे हैं, जो लोग पुलिस ने निपटाए या नहीं निपटाए. मगर लाशें तो आखिरकार इन सबकी, प्रयागराज और झांसी पुलिस या यूपी एसटीएफ ने ही अपने कंधों पर ढोई न. चलिए अब सवाल यह है कि 9-9 लाशें जिस कांड में बिछ चुकी हों. आइंदा भी जिस मामले में कुछ और लोगों के मरने-मारने की प्रबल शंका-आशंकाएं नजर आ रही हों! इस कदर के खतरनाक खेल की मास्टरमाइंड शाइस्ता परवीन आखिर कहां और कैसे गायब या सुरक्षित है? वो भी एक महिला अगर यूपी सी दबंग एसटीएफ टीमों की नजरों से शाइस्ता जैसी मुख्य षडयंत्रकारी महिला खुद सुरक्षित बचाए हुए है, आखिर कैसे? सौ टके के सवाल के पीछे से झांकते जवाब को सुनकर किसी के भी कान लाल हो जाएंगे.

दुनिया भले ही शाइस्ता परवीन (Don Shaista Parveen) पत्नी ढेर किए जा चुके, प्रयागराज में चकिया के चौधरी अतीक अहमद को फरार समझ रही हो. घर में ठाली बैठे तमाम लोग यह भी सोच रहे होंगे कि शाइस्ता परवीन सरेंडर की जुगाड़ में, पुलिस के लगातार संपर्क में होगी! जबकि कुछ का मानना है कि उमेश पाल ट्रिपल मर्डर की मास्टरमाइंड शाइस्ता परवीन, पुलिस और कानून से खौफजदा कतई नहीं है. इसके पीछे दो प्रमुख वजह हैं. पहली वजह, जिस लड़की का पिता पुलिस की नौकरी में जिंदगी भर रहा हो. जिस लड़की ने आंख ही थाने-चौकी के सरकारी आवासीय फ्लैटों में खोली हो. उसे भला पुलिस का खौफ क्यों सताएगा? उसे तो पुलिस हमेशा अपने घर की सी ही लगती रही होगी.

शाइस्ता परवीन चल रही है फरार

दूसरे, वो शाइस्ता परवीन आखिर क्यों पुलिस या कानून (Prayagraj Umesh Pal Murder) से खौफ खाएगी, जिसका शौहर सजायाफ्ता माफिया डॉन अतीक अहमद, जिंदगी भर जमाने में गरीब और रईसों की जमीनों को जबरिया कब्जाता रहा हो. जिस बेगम का शौहर खून सने अपने सिंहासन को अपनी औलाद के हवाले करने के लालच में अंधा होकर, औलाद को पढ़ाना- लिखाना ही छुड़वा डाले. जिसके बेटों और अतीक अहमद से बदमाश सफेदपोश शौहर की एक टांग हमेशा जेल में. दूसरी सत्ता के गलियारों में और दिमाग हमेशा खून-खराबा करने, जैसी खुराफातों में मशरूफ रहा हो. जो इंसान खूनी जिद के चलते अपनी आंखों के सामने जीते जी, अपने दो-दो जवान बेटों को जेल में ठुसंवाए बैठा हो.

माफिया गुंडा अतीक अहमद सा जो शख्स अपने छोटे भाई अशरफ से खूंखार बदमाश को, ‘नेताजी-विधायक’ बनवाने की मैली जिद में राजू पाल से विधायक और उनके साथ दो अन्य बेकसूरों को गोलियों से भुनवा चुका हो. ऐसे जुल्मी इंसान की बीवी सोचिए किस कदर की मास्टरमाइंड होगी? यहां लिखकर बताने की जरूरत नहीं है. तो क्या अतीक अहमद की विधवा शाइस्ता परवीन इतनी बड़ी तुर्रम हो चुकी है कि, जो वो यूपी पुलिस की दो-दो एसआईटी, ईडी किसी के भी हाथ ही नहीं लग रही है? पूछने पर किसी जमाने में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari)से माफिया को पनाह मंगवाने के चक्कर में, यूपी पुलिस के डिप्टी एसपी की नौकरी को लात मारे बैठे दबंग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट शैलेंद्र सिंह कहते हैे,

“शाइस्ता परवीन अतीक अहमद माफिया डॉन की बीवी है. जिसने पुलिस से बचने के रास्ते पिता से बचपन से लेकर जवानी तक सीखे. जब बात आई कठोर दिल और मास्टरमाइंड बनने की तो, वो ट्रेनिंग भला उसे दुनिया में उसके सजायाफ्ता माफिया डॉन (अब मारे जा चुके) पति अतीक अहमद से बेहतर कौन दे सकता है? सोचिए शाइस्ता परवीन सी किसी मजबूत जिगर वाली अड़ियल और मास्टरमाइंड महिला का ब्रेन वॉश करने वाला कोई, अतीक अहमद सा मंझा हुआ माफिया डॉन हो, lतो वो कहीं मात खाएगी?” मतलब आप यह कहना चाह रहे हैं कि उमेश पाल ट्रिपल मर्डर और उसके बाद, एक-एक करके बिछी 6 अन्य लाशों के मामले में सबसे ज्यादा तिकड़मी दिमाग शाइस्ता परवीन ही है?

इस सवाल के जवाब में यूपी पुलिस एसटीएफ के पूर्व दबंग और बेबाक डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह टीवी9 से बोले, “फरार समझी जा रही या चल रही 50 हजार की इनामिया मुलजिम शाइस्ता परवीन को लेकर जितनी जनता और मीडिया चिंतित है. खुद को लेकर शाइस्ता परवीन भी उतनी चिंतित नहीं होगी. शाइस्ता परवीन उस कदर की ढीठ मानसिकता की महिला डॉन बन चुकी होगी, कि जब उसने अपने नौजवान बेटे और अतीक अहमद से दबंग माफिया डॉन पति को ही खो डाला हो. तो फिर अब उसे किस बात का डर या चिंता? जिस मां के दो नौजवान लड़के जेल में बंद पड़े हों. दो नाबालिग लड़के किशोर गृह में पड़े हों.

जो महिला जवान बेटे ( 5 लाख के इनामी बदमाश असद) की अकाल मौत पर मातम तक मनाने न पहुंचे. जो महिला पति और देवर के कत्ल हो जाने के बाद उनकी मातमपुर्शी तक में शामिल न होने की कुव्वत या कहिए जिगर रखने लगी हो. उसे फिर पुलिस या कानून का डर कैसे और क्यों सताएगा? पुलिस एसटीएफ में कई साल नौकरी के अनुभव से कह सकता हूं कि, जो शाइस्ता परवीन पति अतीक अहमद, देवर अशरफ और बदमाश बेटे असद (तीनो ही ढेर किए जा चुके हैं) को खोकर भी पुलिस के सामने न टूटी हो. वो क्यों डरेगी पुलिस से?” चलिए आपके सवाल से ही सवाल जन्म ले रहा है कि, अगर शाइस्ता परवीन इस कदर की बेरहम और बेखौफ औरत बन चुकी है. जिसे कानून और पुलिस का खौफ ही दिल में बाकी न बचा हो तो फिर वो सामने निकल कर क्यों नहीं आ रही है?

यूपी पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने कहा, “जिसका पति अचानक कत्ल कर डाला गया हो. देवर चलता फिरता जरा जरा सी उम्र के लड़कों ने ठोक दिया हो. बेटा एसटीएफ से आमने सामने के मोर्चे में निपट चुका हो. समझिए उस महिला (शाइस्ता परवीन) का अब कुछ बाकी बचा ही नहीं होगा न. अगर बचा होगा तो अतीक द्वारा जिंदगी भर हड़पी गई गैरों की जमीनें. माल-असबाब. हथियार गोला बारूद. और जो मैंने मीडिया में ही देखा पढ़ा है कि अतीक अहमद खुद मिट्टी में मिलकर और अपनी औलाद बीवी बच्चों को मिट्टी में मिलवाने के बाद.

अरबों की संपत्ति पीछे छोड़ गयाअतीक अहमद

काले कारोबार के बलबूते अर्जित करीब पांच हजार करोड़ का जो Empire अतीक अहमद अपने पीछे छोड़ गया है. इस वक्त शाइस्ता परवीन उसी एंपायर को यहां-वहां टटोलकर संभालने में जुटी होगी! क्योंकि खून से सने इसी साम्राज्य को हड़पने की घिनौनी चाहत में तो, अतीक ने खुद को और अपने परिवार को मिट्टी में मिलवा डाला है. तो फिर शाइस्ता परवीन इस 5 हजार करोड़ कीमत वाले डरावने साम्राज्य का पता-ठिकाना निकाल कर, जब तक उस पर अपना कब्जा तय नहीं कर लेगी. तब तक वो पुलिस और कानून के सामने क्यों पड़ना चाहेगी? मीडिया और जमाना चाहे जो लिखता देखता या सोचता रहे अपने घर में बैठकर.”


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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