UP Nikay Chunav 2023: लखनऊ मेयर के लिए सभी नए चेहरे, फिर भी कई मामलों में रोचक है चुनाव

UP Nikay Chunav 2023: लखनऊ मेयर के लिए सभी नए चेहरे, फिर भी कई मामलों में रोचक है चुनाव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनावों में राजधानी लखनऊ की मेयर सीट काफी हॉट मानी जा रही है. वैसे तो यहां सभी प्रत्याशी नए हैं, बावजूद इसके यहां का चुनाव काफी रोचक होने वाला है. इस बार मैदान में उतरे किसी भी प्रत्याशी के पास कोई तजुर्बा तो नहीं है, लेकिन चुनावी आरक्षण और जातिगत गणित ने राजधानी को अचानक से कई महिला नेता दे दिया है. इस चुनाव में जीत तो किसी एक की होगी, लेकिन चुनाव बाद भी महिलाओं का यह नेतृत्व समय-समय पर सड़कों पर भी देखने को मिलेगा.

यूं तो यह सीट परंपरागत तौर पर भारतीय जनता पार्टी की रही है. निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. एससी राय जैसे भाजपा के सिपाही महापौर के पद पर रह चुके हैं. डॉ. राय और डॉ. शर्मा, दोनों ही भारी मतों से जीतते रहे, जब राज्य और केंद्र में विपक्षी दलों की सरकारें रही. अब दोनों ही जगह भाजपा की सरकार है. ऐसे में बीजेपी के लिए इस सीट का महत्व और भी बढ़ जाता है. स्थिति यहां तक आ गई है कि बीजेपी की ओर से यहां प्रत्याशी नहीं, बल्कि खुद पार्टी चुनाव लड़ रही है.

पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा समेत कई वरिष्ठ नेता डेरा डाले बैठे हैं. ये सभी एक तरफ जहां नामांकन में सुषमा खरकवाल के साथ हाजिर थे, तो वहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उनके कार्यालय का उद्घाटन किया. शहर के सभी विधायक भी अपने स्तर पर दमखम के साथ पार्टी को जिताने में लग गए हैं. पार्टी भी निकाय चुनाव को लोकसभा की तैयारी के रूप में देख रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय रक्षा मंत्री व क्षेत्रीय सांसद राजनाथ सिंह भी आने वाले दिनों में सड़क पर प्रचार करते नजर आएंगे.

इन दोनों नेताओं के कुछ रोड शो और जनसभाएं भी होंगी. बताया जा रहा है कि सुषमा गढ़वाल से हैं. पार्टी का मानना है कि पहाड़ी मोहल्लों से उन्हें पूरा सपोर्ट मिलेगा. इसी प्रकार उन्हें परंपरागत वोट के अलावा विकास और योगी-मोदी के काम के लिए बोनस के रूप में भी वोट मिलेगा. समाजवादी पार्टी ने सीनियर जर्नलिस्ट वंदना मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है. वंदना योग्य हैं, विनम्र हैं. इसमें किसी को शक नहीं है, लेकिन वे चुनावी राजनीति से अबतक दूर रही हैं.

उन्हें राजनीतिक दंद-फंद की वह समझ नहीं है, जो आज की जरूरत है. लेकिन फ़ेसबुक पर उनके बारे में अनेक न्यूट्रल लेकिन प्रभावशाली लोगों ने जिताने की अपील भी की है. माना जा रहा है कि उन्हें शहर में एक क्लास पार्टी लाइन से हटकर वोट करेगा. कुछ छोटे दल भी उनकी मदद में जुट गए हैं. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी लखनऊ के लिए एक चुनाव संचालन समिति गठित की है. शहर के दोनों पार्टी विधायकों को वंदना के लिए जुटने का निर्देश मिला है. सपा की गणित के मुताबिक मुख्य फोकस मुस्लिम वोट के साथ, पिछड़ा वर्ग और ब्राह्मण वोट पर रहेगा.

BSP प्रत्याशी को मुस्लिम वोट पर भरोसा

बहुजन समाज पार्टी की शाहीन बानो, कांग्रेस की संगीता जायसवाल और आम आदमी पार्टी की अंजू सिंह भी चुनावी अखाड़े में हैं. शाहीन को मुस्लिम, दलित वोटों के साथ ही सर्वसमाज का सहारा है. बसपा का दावा है कि लखनऊ का मुसलमान इस बार बसपा को ही वोट करेगा. ऐसी ही गणित बाकी प्रत्याशियों ने भी लगा रखी है. रोचक यह भी है निर्दल से लेकर पार्टी के बैनर से चुनाव लड़ रही किसी भी महिला को अपने जीतने पर शक नहीं है.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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