केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में ईद-उल-फितर का त्योहार खूब हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस साल खासतौर पर कश्मीर में ईद की रौनक देखते ही बन रही है क्योंकि पहले सुरक्षा कारणों से और फिर उसके बाद पिछले दो तीन साल से कोरोना संबंधी पाबंदियों के चलते वह उत्साह नजर नहीं आ रहा था। लेकिन अब कश्मीर के हालात भी ठीक हैं और महामारी का भी डर नहीं है इसलिए लोग खुल कर इस त्योहार को मना पा रहे हैं। सुबह सुबह कश्मीर स्थित दरगाह हजरत बल समेत तमाम मस्जिदों में ईद की नमाज पढ़ी गयी जिसमें बड़ी संख्या में नमाजियों ने हिस्सा लिया। डल झील के किनारे हजरतबल दरगाह में सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई। हम आपको बता दें कि यहीं पर पैगंबर मोहम्मद के पवित्र अवशेष रखे गए हैं। प्रभासाक्षी से बात करते हुए लोगों ने अपनी खुशी का इजहार किया और बताया कि हमने घाटी में शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
हम आपको यह भी बता दें कि श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद समेत पूरे कश्मीर में रमजान के आखिरी शुक्रवार को मजहबी खुलूस के साथ ‘जुमा-तुल-विदा’ की नमाज भी शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई थी। इस दौरान सबसे अधिक नमाजी पुराने शहर में स्थित जामिया मस्जिद में एकत्र हुए, जहां तीन साल बाद अलविदा जुमे की नमाज अदा की गई। हम आपको यह भी बता दें कि इसके अलावा इस बार कश्मीर घाटी में रहमतों की रात माने जाने वाले ‘शब-ए-कद्र’ पर भी लोगों को ऐतिहासिक जामा मस्जिद में भी सामूहिक प्रार्थना की इजाजत दी गई थी। 2019 के बाद यह पहला मौका था, जब 14वीं शताब्दी में बनी इस मस्जिद में शब-ए-कद्र इबादत की इजाजत दी गई थी।