प्रयागराज सहित पूरे यूपी में बाहुबली माफिया अतीक अहमद सिर्फ एक शख्स से डरता था. और वह थे प्रयागराज के पूर्व आईपीएस अधिकारी लाल जी शुक्ला. जिन्होंने 2 बार अतीक अहमद को खुद गिरफ्तार किया और तीसरी बार टीम भेजकर गिरफ्तार करवाया. लाल जी शुक्ला वो आईपीएस अधिकारी थे, जिससे अतीक भी खौफ खाता था. लाल जी शुक्ला ने तीन बार अतीक को गिरफ़्तार किया था.
पहले वह SP रूरल थे. उसके बाद प्रयागराज के एसपी सिटी बन गए. लाल जी शुक्ला ने बताया कि सबसे पहले अतीक चांद बाबा के गैंग का हिस्सा था. लेकिन अपना वर्चस्व बनाने के लिए उसने चांद बाबा की हत्या कर दी.फिर राजनीति में आया और फिर एक सफेदपोश गुंडा बन गया. धीरे धीरे बड़ी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अतीक को संरक्षण दिया.
पहली बार अवैध वसूली के धंधे पर लाल जी शुक्ला ने मारी चोट
1996 में मामूली पार्किंग विवाद को लेकर हत्या के मामले में पहली बार लाल जी शुक्ला ने अतीक को गिरफ्तार किया था. फिर 2001 में उसे दोबारा गिरफ्तार किया. हैरानी की बाते ये है कि दोनों बार ही अतीक विधायक था.फिर जय श्री कुशवाहा के पति के अपहरण के मामले में अतीक को 2002 में लखनऊ से अरेस्ट किया गया. माफिया अतीक ने
गांधी परिवार के करीबी की कीमती जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की.इस मामले में सोनिया गांधी को बीच में आना पड़ा तब जाकर वह पीछे हटा.
क्राइम की दुनिया में बेटे-भाई को लॉन्च किया
लालजी शुक्ला का कहना है कि अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए अतीक ने अपने बेटे और पत्नी को गैंग में शामिल कर उनसे हत्या कराई.अतीक अरना वर्चस्व बढ़ाने और अपने परिवार के बेटे और भाइयों को लॉन्च करने के लिए बड़ी हत्याएं करवाता था. उसने अपने भाई अशरफ से राजू पाल की हत्या करवाई और अब उसने अपने बेटे असद से उमेश पाल की हत्या करवाई. उन्होंने कहा कि अतीक ने जेल में रहते भी अपना धंधा जारी रखा.