जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बृहस्पतिवार को हुए एक आतंकवादी हमले में पांच जवानों के शहीद हो गए। फिलहाल आतंकियों की तलाश के लिए बाटा-डोरिया क्षेत्र के एक घने जंगल में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा तलाश अभियान शुरू किया है। इस सब के बीच पुंछ में हुए आतंकी हमले पर नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूक अब्दुल्ला का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि सीमा के करीब है। कहीं न कहीं तो सुरक्षा का मामला होगा, इनको सुरक्षा की जांच करनी चाहिए थी। 5 जवानों की मृत्यु हो गई, गलती तो कहीं हुई है और इनको देखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार कहती है कि यहां सब ठीक है तो वे चुनाव क्यों नहीं कराते?
इस घटना पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा कि पुंछ में हुए जघन्य हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मारे गए सेना के जवानों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि केंद्र ने दावा किया था कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 को 2019 में खत्म करने और इससे पहले 2016 में नोटबंदी के चलते पूर्ववर्ती राज्य में आतंकवाद से लड़ने में मदद मिलेगी लेकिन रक्षा और गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इन उपायों की घोषणा के बाद से आतंकवाद की घटनाएं वास्तव में वहां बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियां काफी हद तक कश्मीर घाटी तक ही सीमित थीं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश के जम्मू क्षेत्र के पुंछ जैसे नए क्षेत्रों में अब हिंसक घटनाएं हो रही हैं और यह चिंता का विषय है।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में बृहस्पतिवार को एक आतंकी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। सेना ने यह जानकारी दी। सेना ने एक बयान में कहा है कि हमले में शहीद होने वाले सैनिक राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के थे और इलाके में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात किए गए थे। थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने इस घटना के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुई त्रासदी से दुखी हूं, जहां एक वाहन में आग लगने के बाद भारतीय सेना ने अपने बहादुर जवानों को खो दिया है। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।