जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को हुए आतंकी हमले ने देश के अंदर आक्रोश पैदा कर दिया है। जगह-जगह लोग इस हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी ओर यह मामला अब राजनीतिक रूप भी लेता जा रहा है। इस बीच, एनआईए ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जहां तक विरोध प्रदर्शनों की बात है तो उसका असर जम्मू में सर्वाधिक देखने को मिला जहां कई संगठनों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया और पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी की। जम्मू में भारतीय जनता पार्टी के नेता युद्धवीर सेठी की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कच्ची छावनी इलाके में प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाये और तख्तियां लहराईं। सेठी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम अपने जवानों की मौत का बदला लेंगे। हम कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति को और मजबूत करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास को अवरुद्ध करने के लिए हमला किया गया, लेकिन प्रशासन झुकेगा नहीं। इस घटना के खिलाफ एक अन्य प्रदर्शन स्थानीय संगठन मिशन स्टेटहुड जम्मू-कश्मीर ने भी किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए पाकिस्तानी झंडे और पुतले जलाये। संगठन के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने आरोप लगाया कि पुंछ हमला केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन की पूरी तरह नाकामी का परिणाम है। वहीं, शिवसेना डोगरा फ्रंट ने भी पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किया। संगठन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के नेतृत्व में उसके सदस्यों ने कहा कि भारतीय सैनिकों को पाकिस्तान में आतंकवादी नेटवर्क को तबाह कर देना चाहिए।
इस बीच, इस हमले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गयी है। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान से बात नहीं होगी तब तक हमले होते ही रहेंगे। उन्होंने कहा है कि जहां यह हमला हुआ वह इलाका सीमा के करीब है। इसलिए कहीं न कहीं तो सुरक्षा का मामला रहा होगा, इनको सुरक्षा की जांच करनी चाहिए थी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार कहती है कि यहां सब ठीक है तो वे चुनाव क्यों नहीं कराते?
दूसरी ओर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक टीम ने आज पुंछ का दौरा किया, जहां गुरुवार को एक आतंकवादी हमले में भारतीय सेना के पांच जवानों की जान चली गई थी। सुरक्षा बलों ने हमलावरों की धरपकड़ के लिए इलाके में एक बड़ा सर्च ऑपरेशन भी छेड़ा हुआ है।
वहीं, सेना के जो जवान शहीद हुए हैं उनके घरों पर मातम का माहौल है। ओडिशा में पुरी जिले के खंडयात साही में जब लोगों को यह पता चला कि आतंकवादी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से जान गंवाने वाले पांच सैनिकों में उनके गांव का बेटा भी शामिल था तब गांव में शोक और उदासी का माहौल कायम हो गया। शहीद ओडिया जवान की पहचान ओडिशा के पुरी जिले के सखीगोपाल के समीप अलागुमा पंचायत के देवाशीष बिस्वाल के रूप में हुई है। बिस्वाल की 2021 में शादी हुई थी। परिवार में पत्नी सुश्री संगीता और सात माह की बेटी है। बिस्वाल की मौत की खबर फैलते ही बड़ी संख्या लोग उनके घर पर पहुंच गये। बिस्वाल के रिश्तेदार ललित किशोर नायक ने कहा, 'हमें दुख के साथ-साथ गर्व भी है कि हमारी माटी का लाल शहीद हो गया। वह महान सपूत था और छुट्टी के दिनों में गांव में सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेता था। वह चार महीने पहले ही गांव आया था।’’ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धमेंद्र प्रधान ने ओडिया जवान के बलिदान पर दुख प्रकट किया है ।
वहीं पंजाब के जवान कुलवंत सिंह के घर भी मातम का माहौल है। लांस नायक कुलवंत सिंह के गांव के सरपंच गुरचरण सिंह का कहना है कि वह उस घर का इकलौता बेटा था, उसके पिता भी कारगिल में शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी। हम सरकार से अपील करते हैं कि ये गरीब परिवार है इनकी मदद की जाए।