माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गत शनिवार को पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसको लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी इसको लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावर हैं। आज उन्होंने इस हत्या के तीनों आरोपियों को आतंकवादी बता दिया। अपने बयान में औवैसी ने कहा कि पुलिस हिरासत में लोग मारे गए; जिन लोगों ने उन्हें मारा वे आतंकवादी और आतंकी मॉड्यूल थे। वे और लोगों को मार सकते हैं। औवैसी ने सवाल किया कि उन्होंने उन्हें मारने वालों पर यूएपीए क्यों नहीं लगाया? हत्यारों को स्वचालित हथियार किसने दिए? उन्हें 8 लाख रुपये के हथियार किसने दिए?
असदुद्दीन ओवैसी ने साफ तौर पर कहा कि उन्होंने(अतीक अहमद और उसके भाई पर गोली चलाने वाले) कहा कि हम मशहूर होना चाहते थे। ये मशहूर होना नहीं है, ये वो ग्रुप है जिसे हम टेरर सेल कहते हैं। ओवैसी ने कहा कि वे कट्टरपंथी हैं और गोडसे के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। उन्हें रोका जाना चाहिए नहीं तो वे और लोगों को मारेंगे। इससे पहले पूरे मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की थी। ओवैसी ने आरोप लगाया था कि भाजपा उत्तर प्रदेश में कानून के दम पर नहीं, बल्कि ‘बंदूक के दम पर’ सरकार चला रही है।
ओवैसी ने कहा था कि आप देखिए किस तरह से हथियार चलाए गए। यह सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है और वे (हत्या में शामिल लोग) पेशेवर हैं। उन्होंने कहा था भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका कितनी है... और ये कौन लोग हैं, जिन्होंने पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में सोची-समझी साजिश के तहत हत्या को अंजाम दिया? उन्हें किसने कहा? उनकी पृष्ठभूमि क्या है और पुलिस ने उन्हें रोका क्यों नहीं? उच्चतम न्यायालय की निगरानी में इस घटना की जांच की जानी चाहिए। इस घटना की निंदा करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि केवल भारतीय मुस्लिम ही नहीं, बल्कि कानून के राज और संविधान में विश्वास रखने वाले देश के सभी नागरिक ‘आज कमजोर महसूस करते हैं।’