इलाहाबाद हाईकोर्ट का UP के मुख्य सचिव को वारंट, सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार, आखिर मामला क्या?

इलाहाबाद हाईकोर्ट का UP के मुख्य सचिव को वारंट, सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार, आखिर मामला क्या?

प्रयागराज: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पैसा रोकने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है. एक तरफ बुधवार को जहां हाईकोर्ट ने दो अफसरों वित्त सचिव और विशेष सचिव को हिरासत में लेने के बाद जमानत पर छोड़ दिया, वहीं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और एसीएस वित्त प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ वारंट जारी करते हुए व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के आदेश दिए हैं. इस संबंध में दोनों अफसरों को वारंट तामील करा दिया गया है. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

सुप्रीम कोर्ट ने भी फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को बदलने से इंकार किया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. हालांकि राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता ने दोबारा सीजेआई के समक्ष मामला मेंशन किया है. बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक मुख्य सचिव को आज 11 बजे तक हाईकोर्ट में हाजिर होकर संबंधित सवालों के जवाब देने हैं. मामला हाई कोर्ट के रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश और जजों को घरेलू नौकर समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के संबंध में है. हाई कोर्ट ने पूर्व में मुख्य न्यायाधीश द्वारा अनुमोदित नियमावली को अधिसूचित करने का आदेश दिया था. यह अनुमोदन बीते चार अप्रैल तक हो जाना था. लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इस नियमावली को अधिसूचित नहीं किया है.

इसकी वजह से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को होने वाला भुगतान रूक गया है. बताया जा रहा है कि वित्त विभाग इस नियमावली को अधिसूचित करने के पक्ष में नहीं है. बुधवार को इसी मामले में सुनवाई हुई. इसमें हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वित्त सचिव एसएमए रिजवी और विशेष सचिव सरयू प्रसाद मिश्रा को हिरासत में लेने के आदेश दिए थे. हालांकि रात में इन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया.

लेकिन इसी के साथ हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और वित्त सचिव के खिलाफ वारंट जारी करते हुए गुरुवार को 11 बजे तक व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने का हुक्म सुना दिया. हाईकोर्ट के इस रुख और मुख्य सचिव को वारंट जारी होने से पूरी ब्यूरोक्रेसी हिल गई है. कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार आज ही सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है. बुधवार को हाईकोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के अपर महाधिवक्ता एमपी चतुर्वेदी ने पक्ष रखा.

उन्होंने कहा कि कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया था. वह मिल चुका है और इसे जल्द ही सरकार कैबिनेट के समक्ष रखेगी. वहीं कोर्ट ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट की ओर से रुल्स में संशोधन का प्रस्ताव पहले ही सरकार को भेज दिया गया था, लेकिन इस प्रस्ताव को लेकर सरकार का रवैया लचर रहा है. इस प्रस्ताव में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों को आंध्र प्रदेश सरकार की तरह सुविधाएं देने तथा घरेलू नौकरों एवं मृत जजों की पत्नियों की सुविधा बढ़ाने की बात कही गई है.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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