इस समय माफिया अतीक अहमद और अशरफ के तीनों हत्यारे एसआईटी की कस्टडी में हैं. एसआईटी तीनों से माफिया ब्रदर्स की हत्या के पीछे की वजह तलाशने में लगी है, लेकिन हत्यारे कोई ठोस राज उगल नहीं रहे हैं. एसआईटी की पूछताछ में सनी सिंह ने कहा कि आप यह पूछना चाह रहे हो कि मेरे पीछे कौन है, लेकिन मैं ये बता दूं कि मेरा कोई आका नहीं है. मैं खुद ही डॉन हूं. हालांकि सनी सिंह ने सुंदर भाटी से कनेक्शन की बात कबूल की है.
एसआईटी ने अन्य हत्यारों से भी यही सवाल पूछे. बांदा के रहने वाले लवलेश तिवारी ने कहा कि मैं कट्टर हिंदू हूं. जरायम की इस दुनिया में मेरा भी कोई माई-बाप नहीं है. वहीं जब एसआईटी ने जोर देकर पूछा कि कोई तो है, जिसने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कराई. इस पर लवलेश ने कहा कि हम तीनों आपको बता चुके हैं कि हमारा कोई आका नहीं है. हम तीनों 15 दिन पहले ही मिले हैं. अरुण और मैं एक-दूसरे को पहले से जानते हैं, जबकि सनी से पहली बार मुलाकात हुई थी.
जानकारी के मुताबिक, आज एसआईटी की टीम ने बांदा से लवलेश तिवारी के तीन दोस्तों को उठाया है. इन तीनों पर आरोप है कि इन्होंने ही लवलेश तिवारी को मीडियाकर्मियों के बीच कैसे रहा जाए? इसकी ट्रेनिंग दी थी. फिलहाल तीनों को लेकर एसआईटी प्रयागराज आई है या कहीं और गई है, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है.
सूत्र बताते हैं कि एसआईटी की पूछताछ के दौरान आरोपियों के चेहरे पर किसी प्रकार की सिकन तक नहीं दिखी, जबकि उनको पता है कि इतने बड़े कांड के बाद हो सकता है कि अतीक की गैंग इन पर हमला करे. पुलिस भी इनकी सुरक्षा को लेकर बेहद संजीदा है, तभी इनको प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से हटाकर प्रतापगढ़ की जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. बीते बुधवार को तीनों की प्रयागराज कोर्ट में पेशी थी.
सात गाडियों और 60 पुलिसकर्मियों के काफिले के साथ पुलिस ने तीनों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. रिमांड पर तीनों का व्यवहार देखकर जांच अधिकारी भी हैरान हैं. शूटरों के चहेरे पर न तो खौफ, न ही चिंता है. यहां तक कि एक शूटर सनी सिंह पूछताछ के दौरान मुस्कुरा कर जवाब दे रहा था. तीनों ने बड़े ही चाव के साथ खाना भी खाया. फिलहाल एसआईटी टीम हत्यारों से राज उगलवाने में लगी है.