गोरखपुर: सीएम सिटी गोरखपुर में वैसे तो बीजेपी के मेयर प्रत्याशी डॉ. मंगलेश किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. वह शहर के मशहूर पैथोलाजिस्ट तो हैं ही, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता भी हैं. भले ही अब तक उनका कोई चुनावी अनुभव नहीं रहा है, लेकिन इस बार यूपी के निकाय चुनावों में बीजेपी की ओर से वह मेयर प्रत्याशी हैं. कहा जाता है कि हाल तक उनका नाम इस चुनावी दौड़ में कहीं नहीं था.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद भरोसेमंद होने की वजह से पार्टी ने उन्हें अचानक से बाहर निकालकर सीधे मेयर प्रत्याशी बना दिया है. एक जुलाई 1961 को जन्मे डॉ. मंगलेश इस समय 61 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं. वह करीब चार दशक पहले सरस्वती शिशु मंदिर के जरिये संघ में शामिल हुए थे. इस समय भी वह संघ की अनुषांगिक संस्था संस्कार भारती में महामंत्री हैं. इसके अलावा उनकी सबसे बड़ी पहचान यह है कि वह मठ में सीधा पहुंच रखते हैं.
कहा जाता है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी हैं. डॉ. मंगलेश की प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर गोरखपुर में हुई थी. इसके बाद वह मेडिकल की पढाई के लिए कानपुर आ गए. उनकी मेडिकल की शिक्षा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से हुई. यहां से एमबीबीएस व एमडी कर वह डॉक्टर बने और वापस गोरखपुर में आकर प्रैक्टिस करने लगे.
यहां प्रैक्टिस के दौरान उनका अपने स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर से जुड़ाव कम नहीं हुआ. बल्कि ज्यादा रुचि लेने की वजह से वह सरस्वती शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष बने. वह पूर्व में शिशु मंदिर के सचिव भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह संस्कार भारती के प्रांतीय अध्यक्ष भी रहे हैं. जबकि इस समय वह प्रांतीय महामंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इसके अलावा पैथोलाजी एसोसिएशन के संस्थापक सचिव भी हैं. उनके प्रोफाइल में जीपी एसोसिएशन के सचिव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गोरखपुर इकाई अध्यक्ष का पद भी शामिल है.
उन्हें बीजेपी का टिकट और सीएम योगी का आर्शीवाद मिलने के बाद उनकी जीत पक्की मानी जारी है. दावा किया जा रहा है कि कुल मतदान का 50 फीसदी इन्हें मिल सकता है. वहीं बाकी वोट अन्य प्रत्याशियों में विभाजित होंगे. अन्य प्रत्याशियों का भी मानना है कि जीत डॉ. मंगलेश की होगी, लेकिन उनकी लड़ाई जीत और हार के अंतर को कम करने की है.