सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा 2019 में मोदी उपनाम टिप्पणी पर मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। इसको लेकर कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। वहीं बीजेपी की तरफ से अदालत के फैसले को न्यायपालिका व लोगों की जीत और ‘गांधी परिवार के अहंकार पर तमाचा’ करार बताया गया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल की याचिका पर कहा कि निचली अदालत में उनकी (राहुल गांधी) अर्जी खारिज हो गई है अब हम ऊपरी अदालत में जाएंगे। वहीं कर्नाटक चुनाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा कि पीएम मोदी ने कर्नाटक की उपेक्षा की है और जे.पी. नड्डा लोगों को गुमराह कर रहे हैं....कांग्रेस पार्टी अपने दम पर सत्ता में वापसी करेगी और बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी।
इससे पहले गुजरात में सूरत की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। तिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगेरा की अदालत ने राहुल को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के एक निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर, कांग्रेस नेता की अर्जी आज खारिज कर दी। अगर 52 वर्षीय राहुल गांधी को राहत मिलती तो उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता था।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अदालत का फैसला गांधी परिवार, खासकर राहुल गांधी के अहंकार पर तमाचा है। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत का फैसला यह भी साबित करता है कि कानून सभी के लिए बराबर है और वह किसी भी प्रकार के दवाब के आगे झुकता नहीं है। पात्रा ने कहा, ‘‘आज के फैसले से एक बात स्पष्ट है कि इस देश में संविधान का राज है, परिवार का राज नहीं है।