अयोध्या में भव्य राम मंदिर का सभी को इंतजार है। मंदिर निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। जानकारी के मुताबिक अगले साल जनवरी में राम मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इन सबके बीच खबर यह है कि 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्री रामलला का जलाभिषेक करेंगे। खास बात यह है कि रामलला का जलाभिषेक सिर्फ भारत की पवित्र नदियों के जल से नहीं होगा, बल्कि 156 देशों की नदियों और समुद्र के जल से संपन्न होगा। इसमें पाकिस्तान और चीन की नदियों का भी जल समाहित है। योगी आदित्यनाथ के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रह सकते हैं। बताया जा रहा है कि दोनों नेता मणिराम दास छावनी सभागार में कलश पूजन करेंगे।
खबर के मुताबिक दिसंबर 2023 तक भगवान राम का गर्भ गृह बनकर तैयार हो जाएगा और 2024 मकर संक्रांति के बाद गर्भ गृह को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। वहीं, मंदिर के दूसरे तल का निर्माण कार्य जारी रहेगा। इससे पहले चंपत राय ने भी इसको लेकर जानकारी दी थी। चंपत राय ने बताया कि विजय जौली के नेतृत्व में एक टीम 156 देशों की नदियों का पानी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को मणिराम दास छावनी सभागार में जल कलश की पूजा करेंगे। 2020 में जल को इकट्ठा करने का काम शुरू हुआ था। यह काम गैर सरकारी संस्था दिल्ली स्टडी ग्रुप की ओर से किया जा रहा है। इस संस्था के अध्यक्ष दिल्ली के पूर्व भाजपा विधायक विजय जौली हैं।
विजय जौली चंपत राय से विचार विमर्श करने के लिए अयोध्या भी पहुंचे थे। विजय जौली ने बताया कि स्वर्गीय अशोक सिंघल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर मैंने निर्णय लिया कि विश्व भर के नदियों और समुद्रों का जल हम भारत में एकत्रित करेंगे और उस जल से प्रभु श्री राम के मंदिर का जलाभिषेक संपन्न करेंगे। जल को बड़ी शिद्दत से इकट्ठा किया हुआ है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की राबी नदी का जल भी आया हुआ है। इसके अलावा रूस और यूक्रेन के नदियों का भी जल एकत्रित किया गया है। बताया जा रहा है कि दुबई के रास्ते पाकिस्तान से राबी नदी का जल मंगाया गया है। विजय जौली ने इसे अपने किसी हिंदू मित्र के जरिए मंगवाया है।