लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) वन क्षेत्र में बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र के नयापिंड गांव के निवासी हरमेश सिंह (30) को मंगलवार को एक बाघ ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था। ग्रामीणों ने किसी तरह युवक को बाघ से छुड़ाया और स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए निघासन स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन मंगलवार की शाम रास्ते में उसकी मौत हो गई।
ग्रामीणों के अनुसार, युवक मंगलवार की दोपहर अपने पालतू जानवरों को चरा रहा था तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया। बहरहाल, दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक बी. प्रभाकर ने पीटीआई-को बताया कि बाघ ने युवक पर उस समय हमला किया जब वह आरक्षित वन में घुस गया। आरक्षित वन में बाघों का आना-जाना एक नियमित बात है। उन्होंने कहा कि हमले के मद्देनजर, गश्ती दलों द्वारा बाघों की गतिविधियों की निगरानी तेज कर दी गई थी, जबकि ग्रामीणों को आरक्षित वन क्षेत्रों में नहीं जाने और खेतों में काम करते समय सतर्क रहने की चेतावनी दी गई थी।
दुधवा बफर जोन के उप निदेशक सुंदरेश ने बताया कि नयापिंड गांव, (जहां मृत युवक रहता थाा), की अपनी सीमायें दुधवा बफर जोन और कतर्नियाघाट अभयारण्य वन क्षेत्रों के साथ मिलती है। ये दोनों ही दुधवा टाइगर रिजर्व के हिस्से थे। उन्होंने कहा कि आरक्षित वनों में प्रवेश न करने के कई परामर्श के बावजूद ग्रामीणों ने उनका उल्लंघन किया, जिससे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं।