भारत के कई इलाकों में अब पारा 44 डिग्री तक पहुंच चुका है. यानी भारी गर्मी लोगों को सहनी पड़ रही है. ऐसे में एसी और कूलर का इस्तेमाल अब घरों में होने लगा है. वैसे कूलर की तुलना में एसी चलाने का खर्च ज्यादा होता है क्योंकि ये बिजली की खपत ज्यादा करता है. ज्यादातर लोगों को घरों में एसी रात के वक्त पूरे समय चलता है ताकी अच्छी नींद मिले. अगर आप भी रातभर एसी चलाकर सोते हैं और बिजली का बिल ज्यादा आता है. तो आपको हम यहां कुछ तरीके बताने जा रहे हैं, जिनके जरिए आप बिल को कम कर सकते हैं.
सही तापमान पर रखें एसी: कभी भी एसी को सबसे कम टेम्परेचर पर नहीं रखना चाहिए. लोगों को ऐसा लगता है कि 16 या 18 डिग्री पर रखने से एसी बेहतर कूलिंग करता है. लेकिन, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के मुताबिक ह्यूमन बॉडी के लिए आइडियल टेम्परेचर 24 है. ऐसे में 24 पर टेम्परेचर को रखें इससे बिजली की भारी बचत भी होगी. कई स्टडी में ये सामने भी आया है कि एक डिग्री टेम्परेचर को बढ़ाकर ही 6 प्रतिशत तक बिजली सेव की जा सकती है
सर्विसिंग का रखें ध्यान: अगर आपने पिछले सीजन में एसी यूज किया और पूरी ठंड में एसी बंद रहा. फिर अगर आपने इसे बिना सर्विसिंग ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. तो बिजली का बिल ज्यादा आ सकता है. क्योंकि, लंबे समय तक एसी के बंद होने से इसमें डस्ट और पार्टिकल्स आ जाते हैं. ऐसे में कूलिंग के लिए मशीन को ज्यादा मेहनत करनी होती है
हर दरवाजे और खिड़की को करें लॉक: कोशिश करें कि जब एसी ऑन करें उससे पहले उस कमरे के हर दरवाजे और खिड़की बंद हो. ताकी गर्म हवा अंदर ना आए और ठंडी हवा बाहर ना जाए. वरना आपके एसी को ज्यादा करनी पड़ेगी और बिजली का बिल ज्यादा आएगा
स्लीप मोड का करें इस्तेमाल: ज्यादातर एसी आजकल स्लीप मोड फीचर के साथ आते हैं. ये ऑटोमैटिकली टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी को एडजस्ट करते हैं. ऐसे में ये मोड 36 प्रतिशत बिजली बचाने में मदद भी करता है
फैन का करें इस्तेमाल: जब आप फैन का इस्तेमाल एसी के साथ करते हैं तो ये कमरे के हर कोने से एसी की हवा को पहुंचाता है. इससे कमरा ठंडा रहता है. साथ ही इससे आपको एसी का तापमान कम करने की भी जरूरत नहीं पड़ती और बिजली की बचत होती है.