लखनऊ के नवाब खानदान से ताल्लुक रखने वाले नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला का मंगलवार शाम निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। नवाब के करीबी रिश्तेदार इब्राहिम अली खां ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नवाब जाफर अमीर अब्दुल्ला पिछले कुछ समय से बीमार थे और मंगलवार शाम को लखनऊ के विवेकानंद अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में तीन बेटियां हैं। खां ने बताया कि अब्दुल्ला का अंतिम संस्कार बुधवार शाम लखनऊ के तालकटोरा कब्रिस्तान में किया जाएगा। लखनऊ की जानी-मानी हस्ती रहे नवाब अब्दुल्ला देश-विदेश में अवध की तहजीब के नुमाइंदे और अवध के व्यंजनों के मर्मज्ञ माने जाते थे।
नवाब खानदान के करीबी सूत्रों के मुताबिक, मूल रूप से पटना के निवासी रहे नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला का निकाह लखनऊ के शीश महल खानदान में हुआ था। उसके बाद वह यहीं आकर बस गए थे। ‘रॉयल फैमिली ऑफ अवध’ संगठन के महासचिव शिकोह आजाद ने नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका इंतकाल न सिर्फ नवाब खानदान के लिए बल्कि लखनऊ की विरासत के लिए भी एक बड़ा नुकसान है। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला के इंतकाल पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि लखनऊ की जाने वाली शख्सियत अब्दुल्ला बड़े व्यावहारिक और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। रजा ने कहा कि अब्दुल्ला ने अपनी जिदगी में समाजसेवा से जुड़े उत्कृष्ट कार्य किए। लखनऊ की तहजीब उनकी शख्सियत में झलकती थी।