खार्तूम: सूडान के दो सबसे शक्तिशाली जनरलों के बीच कई हफ्तों से तनाव चल रहा है. सूडान के सत्तारूढ़ सैन्य प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान और आरएसएफ अर्धसैनिक समूह के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच देश पर नियंत्रण करने की होड़ है. सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लगातार तीसरे दिन भी संघर्ष जारी है. इस शनिवार को इसने हिंसा का रूप ले लिया. राजधानी खार्तूम और इसके निकटवर्ती शहर ओमडर्मन में हवाई हमले और गोलाबारी की गई है. लगभग 200 लोगों की मौत हो गई और 1800 से अधिक लोग घायल हुए हैं. सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) अर्धसैनिक समूह के प्रमुख, जनरल मोहम्मद हमदान दगालो अब कई मुद्दों पर लड़ रहे हैं. यह लड़ाई लोकतंत्र की वापसी की प्रक्रिया पर रोक लगाने को लेकर हो रही है.
2019 में, बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को सेना की मदद से हटा दिया गया था. बशीर को उखाड़ फेंकने के बाद अक्टूबर 2021 में सेना ने दो साल के लिए संसाधन-संपन्न राष्ट्र पर नियंत्रण कर लिया था. इसके कारण विरोध प्रदर्शन हुए और 150 से अधिक लोग घायल हो गए और 100 के करीब लोग मारे गए. अक्टूबर 2021 में सूडान में सैन्य तख्तापलट के बाद से अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) की कमान संभालने वाले अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान दगालो द्वारा देश चलाया जा रहा है. परिषद चाहता है कि आरएसएफ अब सेना का हिस्सा बने, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है और 10 वर्षों तक के लिए यह फैसला टाल दिया गया है. लेकिन मिलिट्री इसे 2 साल के भीतर करवाना चाहती है. इसी मुद्दे पर दोनों के बीच टकराव है और पिछले हफ्ते यह मामला और गरमा गया.