कांग्रेस नेता सचिन पायलट लगातार राजस्थान में अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। उन्होंने एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। सचिन पायलट ने साफ तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए। उन्होंने अपने बयान में कहा कि बीजेपी की वसुंधरा राजे जब सीएम थीं तो उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। हम इसकी निष्पक्ष जांच चाहते थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनी और 4 साल हो गए इसलिए मैंने अनशन किया। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए।
पायलट ने झुंझुनू जिले के खेतड़ी में एक कार्यक्रम में कहा कि गहलोत सरकार ने पिछली सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के चुनावी वादे पर काम नहीं किया। उन्होंने पूछा, वोट मांगते समय अब हम जनता को क्या चेहरा दिखाएंगे? पायलट ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू करने के लिए अपनी ही सरकार पर दबाव बनाने के लिए 10 अप्रैल को जयपुर में एक दिवसीय उपवास किया था। उन्होंने कहा, मैंने एक साल पहले वादे पर अमल करने के लिए लिखे जाने के बाद किसी पर उंगली उठाए बिना इसे शालीनता से किया है। लेकिन लगभग एक सप्ताह बीत चुका है, कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पायलट ने कहा कि स्वच्छ सरकार देना कांग्रेस का कर्तव्य है, लेकिन भ्रष्टाचार के मामलों की जांच न कराकर सरकार उन लोगों को विफल कर रही है, जिन्होंने गांव-गांव जाकर वोट मांगा। पूर्व राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ने 71 वर्षीय प्रतिद्वंद्वी गहलोत पर नए हमले किए, अटकलें तेज हो गईं कि पार्टी या तो उनके खिलाफ कड़ा फैसला ले सकती है या उन्हें शांत करने की कोशिश कर सकती है। ऐसी खबरें थीं कि विवाद को सुलझाने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को प्रतिनियुक्त किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस तरह के किसी भी कदम से इनकार किया।