हाल में ही प्रयागराज में माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद विपक्ष जबरदस्त तरीके से राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर हुआ। विपक्ष साफ तौर पर कह रहा है कि राज्य में जंगलराज है। इस हत्याकांड को लेकर विवाद इसलिए भी हो रहा है क्योंकि पुलिस कस्टडी में रहते हुए अतीक और उसके भाई अशरफ को गोली मारी गई है। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस हत्याकांड के बाद पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपना बयान दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अब उत्तर प्रदेश में माफिया किसी को धमकी नहीं दे सकते।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले प्रदेश में लगातार दंगे होते थे। 2012 से 17 के बीच में 700 से ज्यादा दंगे उत्तर प्रदेश में हुए। 2007 से 2012 के बीच में 364 से अधिक दंगे उत्तर प्रदेश में हुए हैं। लेकिन 2017 से आज तक उत्तर प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है। योगी ने साफ तौर पर कहा कि एक भी बार उत्तर प्रदेश में कर्फ्यू नहीं लगा। इसकी नौबत ही नहीं आई। उन्होंने कहा कि यह निवेश और उद्यम स्थापित करने के लिए सबसे अनुकूल अवसर होता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब पेशेवर अपराधी माफिया किसी उद्यमी को फोन से डरा धमका नहीं सकता। उत्तर प्रदेश आज बेहतरीन कानून व्यवस्था की गारंटी देता है।
उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 24 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए मंगलवार को सहमत हो गया। अतीक और अशरफ़ को शनिवार रात को पत्रकार बनकर आए तीन लोगों ने उस वक्त नजदीक से गोली मार दी थी, जब वे चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाए जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने मामले का, तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख करने वाले वकील विशाल तिवारी की दलीलों पर गौर किया।