गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की शनिवार को हत्या करने वाले तीन शूटर लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य को उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ जिला जेल स्थानांतरित कर दिया। यह कार्रवाई प्रशासनिक आधार पर की गई है। तीनों शूटरों को रविवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के बाद नैनी जेल भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपियों को अन्य कैदियों से अलग रखा गया है और जेल अधिकारी उनकी विशेष निगरानी कर रहे हैं।
वकील उमेश पाल की हत्या सहित 100 से अधिक मामलों में वांछित अतीक अहमद को उसके भाई अशरफ के साथ प्रयागराज में मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाते समय गोली मार दी गई थी। तीनों शूटर ने खुद को पत्रकार के रूप में पेश किया था और कैमरे के सामने ही अहमद भाइयों को गोली मार दी। हत्या के तुरंत बाद शूटरों ने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने अतीक अहमद की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया है। पैनल का नेतृत्व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे और इसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीके सोनी और पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह शामिल होंगे।
तीनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कहा कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। इस हत्याकांड के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख है। लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज-एटा) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस हमले के दौरान गोलीबारी में लवलेश तिवारी को भी गोली लगी है और उसका अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। तीनों आरोपियों ने कहा कि हम अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे, जिसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता। हम पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करने के बाद भागने में सफल नहीं हो पाए।