पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की शनिवार रात को पुलिस की मौजूदगी में हत्या कर दी गई. ये पूरा हत्याकांड मीडिया के कैमरों में कैद हो गया था. अतीक अपने पीछे करोड़ों रुपये से अधिक की संपत्ति छोड़कर गया है. अब उसकी ये अथाह संपत्ति किसे मिलेगी ये बड़ा सवाल है. करीब चार दशकों तक अतीक की प्रयागराज और उसके आस-पास के इलाकों में तूती बोलती थी. इस दौरान अतीक ने काफी बेनामी संपत्तियां भी बनाई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक की कुल संपत्ति 1200 करोड़ के करीब है. इसमें कई अवैध और बेमानी संपत्तियां है. ईडी ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर से पहले अतीक और उसके करीबियों कें यहां छापे मारे थे. ईडी को तब 15 ठिकानों से 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के कागज मिले थे. इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि उसने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी है. ये संपत्तियां या या तो अतीक के नाम पर है या उसके परिवारवालों के नाम पर हैं.
अतीक की संपत्ति का दावेदार कौन?
अतीक अहमद और उसका बेटा असद अब इस दुनिया में नहीं है. अतीक की पत्नी शाइस्ता फरार है. अतीक के जो दो नाबालिग बेटे बचे हैं वो बाल सुधार गृह में है. अतीक की मौत के बाद ये सवाल सबसे बड़ा है क्या उसकी पत्नी और उसके दोनों बेटों को अतीक की काली कमाई की जानकारी है. ऐसे में क्या वो इन संपत्तियों पर दावा कर पाएंगे और उन्हें ये संपत्ति नसीब होगी.
अतीक और उसके भाई अशरफ के मारे जाने के बाद इनके निवेश और बेनामी संपत्तियां के राज शायद इनकी कब्र में ही दफन हो गए हैं. क्योंकि इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े डॉक्यूमेंट्स और चुनावी हलफनामों में अतीक ने अपनी संपत्ति वास्तविक कमाई से काफी कम दिखाई है.
200 करोड़ का है अतीक का काला कोराबार
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी पुलिस और प्रशासन ने जब से गैंगस्टर एक्ट के तहत माफिया अतीक की संपत्तियों के बारे में पड़ताल की तो जो आंकड़ा सामने आया वो चौंकाने वाला था. ईडी के मुताबिक अतीक ने जो संपत्तियां खरीदीं वो सर्किल रेट से काफी कम में उसने अपने नाम करवाई थी.
इतना ही नहीं जो रकम उसने कागजों में दिखाई उसका भी भुगतान नहीं किया गया. अतीक ने शैल कंपंनियों के जरिए भी अपनी काली कमाई को सफेद किया. इसमें उसकी मदद प्रयागराज के बड़े बिल्डर संजीव अग्रवाल और व्यवसायी दीपक भार्गव ने की.
ईडी का शिकंजा रहेगा बरकरार
ईडी ने अतीक अहमद और उसके परिवार वालों से अभी तक मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ नहीं की थी. ईडी हाल में हुई छापेमारी के बाद अतीक पर शिकंजा कसने की तैयारी की थी. लेकिन उसकी मौत के बाद वो ऐसा नहीं कर पाएगी. ईडी की जांच में ये पता चला था कि अतीक ने कई गरीब किसानों और मजबूर लोगों को डरा-धमकाकर उनकी संपत्तियों को जबरन कब्जा किया था. जो जमीनें उसने खरीदी वो उसने अपराधों के जरिए इकठ्ठा की थी. अब वो उसकी अतीक की पत्नी और दो बेटों से पूछताछ कर सकती है.