सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) को आरे वन वृक्ष मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ओवररीच करने का प्रयास करने के लिए फटकार लगाई और अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अधिक पेड़ काटने की मांग के लिए मुंबई मेट्रो पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राशि मुख्य वन संरक्षक को जमा की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई मेट्रो को 15 मार्च, 2023 के वृक्ष प्राधिकरण के फैसले का पालन करने के लिए भी कहा और कार शेड विकसित करने के लिए आरे जंगल से 177 पेड़ गिराए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब 84 पेड़ काटने की परमीशन दी गई थी तो आपने (महाराष्ट्र सरकार) ने 185 पेड़ों को काटने की नीयत के साथ वृक्ष प्राधिकरण के पास चले गए। इस काम को करने के बाद मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कोर्ट की अवमानना की है। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपको जब जरूरत महसूस हुई तो हमने इजाजत दी। लेकिन आप और ज्यादा पेड़ काटने के लिए सीधे प्राधिकर के पास चले गए। कोर्ट का रुख देखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बिना शर्त उस कदम के लिए माफी मांग ली और हलफनामा दाखिल करने की बात भी कही।