कर्नाटक चुनाव को लेकर प्रचार में धार दिखनी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज राज्य के बीदर में थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा। राहुल ने कहा कि भारत में अगर पहली बार लोकतंत्र की बात किसी ने की और उसे रास्ता दिखाया तो वो बसवन्ना जी थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि आज आरएसएस और भाजपा के लोग लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बसवन्ना जी की सभी की भागीदारी, सभी के लिए एक जगह और सभी को एक साथ आगे बढ़ना चाहिए की सोच पर भाजपा और आरएसएस द्वारा हमला किया जा रहा है। वे भारत में नफरत और हिंसा फैला रहे हैं।
इसके साथ ही राहुल ने वहां के लोगों से कई वादें भी किए। राहुल ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार कर्नाटक में जो 4 वादे कर रही है वो यह हैं पहला वादा गृह लक्ष्मी 2000 रुपए हर महिने महिलाओं को, दूसरा गृह ज्योति 200 यूनिट मुफ्त बिजली, तीसरा अन्न भाग्य 10 किलो चावल हर परिवार को, चौथा वादा युवा निधी 2 साल के लिए 3000 रुपए हर महिने ग्रेजुएट को और 1500 रुपए डिपलोमा होल्डर को दिए जाएंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह वादे जो भी कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनेगा कैबिनेट बैठेक के पहले दिन पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांट्रेक्टर एसोसिएशन प्रधानमंत्री को पत्र लिखता है और कहता है कर्नाटक में 40% कमीशन लिया जा रहा है। नरेंद्र मोदी जी ने चिट्ठी का जवाब तक नहीं दिया। मैसूर सैंडल सॉप कॉरपोरेशन में करप्शन स्कैंडल होता है, MLA का बेटा 8 करोड़ रुपए के साथ पकड़ा जाता है, जॉब स्कैम होता और प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं कहते हैं। ये 40% कमीशन लेते हैं ना ? तो इस आप इनको 40 सीट देना, 41 मत देना।
भाजपा पर अपना हमला जारी रखते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि आप कर्नाटक में भाजपा को अच्छी तरह से जानते हैं। 40% कमीशन सरकार का नारा मैंने नहीं गढ़ा था, यह आप लोगों ने दिया था - कर्नाटक के लोगों ने। लेकिन बीजेपी पर बोलने से पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि चुनाव जीतने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस सरकार क्या करेगी। गांधी ने रविवार को कोलार में ‘जय भारत’ रैली को संबोधित किया था। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कोलार में ही ‘मोदी’ उपनाम को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके लिए उन्हें आपराधिक मानहानि का दोषी और संसद की सदस्यता से भी अयोग्य ठहराया गया।