कांग्रेस नेता सचिन पायलट जयपुर के शाहपुरा खोरी गांव में सीताराम महायज्ञ में शामिल हुए। वर्तमान में उनके हर कदम पर मीडिया की नजर है। हालांकि, बिना नाम लिए इशारों-इशारों में उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जितना भी हम आगे बढ़ें, पढ़े-लिखे, हमारा आर्थिक विकास हो लेकिन याद रखना वही वृक्ष बड़ा होता है जिसकी जड़ें मज़बूत होती हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे व्यक्ति को देखा है जो धन प्राप्ति कर ले, सत्ता प्राप्ति कर ले तो पीछे मुड़कर नहीं देखता है।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि लोगों के बीच दरार पैदा करना सबसे आसान काम है, इसे 30 सेकंड में किया जा सकता है। किसी पर आरोप लगाना बहुत आसान है लेकिन सच बोलना और उसके लिए लड़ना सबसे जरूरी है। वर्तमान में दखें तो राज्य के शीर्ष कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गहलोत शासन के खिलाफ ताजा हमले ने मुख्यमंत्री के समर्थकों को नाराज और भ्रमित दोनों कर दिया है। 11 अप्रैल को, पायलट महात्मा गांधी की तस्वीर के साथ एक बड़े बैनर के नीचे भूख हड़ताल पर बैठे। बैनर में कहा गया था कि वह पिछले वसुंधरा राजे शासन में भ्रष्टाचार और घोटालों के खिलाफ सरकार (उनकी अपनी पार्टी के नेतृत्व वाली) की अंतर्निहित निष्क्रियता के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
वहीं, उनके समर्थकों ने जोर-जोर से दहाड़ते हुए कहा कि पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की चेतावनी को नहीं मानते हुए कि पायलट ने पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे तक अनशन किया था। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने पायलट को चेतावनी देते हुए कहा था कि इस तरह के कदम को ‘‘पार्टी विरोधी’’ माना जाएगा। जयपुर में अनशन स्थल से बाहर निकलते समय पायलट ने संवाददाताओं से कहा था कि राहुल गांधी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। उन्होंने दावा किया था कि उनका अनशन इस आंदोलन को गति देगा।