लंदन: रूस (Russia) के एक फाइटर जेट ने ब्रिटिश जासूसी विमान पर मिसाइल अटैक कर दिया था और अगर यह मिसाइल निशाने पर लग जाती तो दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो जाती, लेकिन तकनीकी खामी के कारण उसका टारगेट मिस हो गया था. यह खुलासा अमेरिका की ओर से लीक दस्तावेजों से हुआ है. इनमें मिसाइल अटैक को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ कहा है. इसके अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के एक पायलट ने RAF-135 रिवेट जॉइंट पर निशाना साधा था जिसमें 30 क्रू मेंबर्स मौजूद थे.
लीक दस्तावेजों में कहा गया है कि यह रूसी विमान ब्लैक सी के ऊपर उड़ान पर था और उसने मैसेज का गलत समझते हुए मिसाइल फायर कर दी थी. ब्रिटेन के डिफेंस मिनिस्टर बेन वैलेस ने बीते साल इस घटना के संबंध में डिटेल्स जारी किए थे. उन्होंने कहा कि Su-27 फाइटर जेट से मिसाइल अटैक हुआ था, लेकिन यह एक तकनीकी त्रुटि थी. अमेरिका की ओर से लीक दस्तावेजों को सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है. इधर, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रूसी पायलट ने जमीन पर रडार ऑपरेटर के मैसेज को गलत समझ लिया था. पायलट को लगा था कि उसे फायर करने की अनुमति दी गई है.
जब रूसी पायलट ने मिसाइल फायर की तो उसमें खराबी आ गई
इसके बाद रूसी पायलट ने जासूसी विमान को निशाने पर लॉक किया और मिसाइल लॉन्च कर दी. 29 सितंबर 2022 के इस मिसाइल अटैक घटनाक्रम को लेकर कहा गया है कि मिसाइल में तकनीकी खामी आ गई और वह टारगेट चूक गई. मिसाइल अपने टारगेट तक पहुंचने से पहले ही गिर गई. न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा है कि लीक्ड डॉक्यूमेंट्स को ट्विटर और टेलीग्राम पर शेयर किया जा रहा है. रूसी लड़ाकू विमान को उसके कमांड सेंटर से ब्रिटिश खुफिया विमान को मार गिराने का आदेश दिया गया था.