अंबेडकर नगर: निकाय चुनाव से पहले भाजपा संगठन में गुटबाजी दिखने लगी है. पर्दे के पीछे चल रहा शह मात का खेल सामने आ गया है. पूर्व जिला अध्यक्ष के समर्थन में सोशल मीडिया पर पार्टी का जिला अध्यक्ष बदलने की मांग उठ रही है. संगठन में गुटबाजी यहां तक बढ़ गयी है कि जिला अध्यक्ष न बदलने पर निकाय चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने की चेतावनी दी जा रही है. विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी जिला अध्यक्ष बदलने की चर्चा थी. दरअसल जिले में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा निकाय चुनाव में अपनी खोई साख वापस पाने के लिए जद्दोजहद कर रही है.
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जिले में पार्टी का जनाधार दिखाने का यह आखिरी मौका है, लेकिन अब इस पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. एक तरफ पार्टी के नेता प्रत्याशियों के नाम की सूची तय करने में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ पूर्व जिला अध्यक्ष के समर्थन में सोशल मीडिया पर जिला अध्यक्ष बदलने की मांग की जा रही है.
पूर्व जिला अध्यक्ष को दोबारा जिला अध्यक्ष बनाने की मुहिम चली
पूर्व जिला अध्यक्ष कपिल देव वर्मा के समर्थन में उन्हें दोबारा जिला अध्यक्ष बनाने के लिए मुहिम चल रही है. व्हाट्सप ग्रुप पर कोई उन्हें निकाय चुनाव के पहले अध्यक्ष बनने का दावा कर रहा है तो कोई उन्हें जिला अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है. इनके के तमाम समर्थक सोशल मीडिया पर उन्हें जिला अध्यक्ष की अग्रिम बधाई भी दे रहे हैं. तमाम लोग पार्टी से सक्रिय रूप से जुड़े हुए भी बताए जा रहे हैं. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव से ठीक पहले जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा के स्थान पर मिथिलेश त्रिपाठी भाजपा जिलाध्यक्ष बनाया गया था.
विधानसभा और पंचायत चुनाव में मिल थी करारी हार
जिले में विधानसभा और पंचायत चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली थी. जिले के पांच विधानसभा सीटों में से भाजपा एक भी सीट पर चुनाव जीत नहीं सकी थी. पंचायत चुनाव में भी बीजेपी को हार मिली थी, जिला पंचायत चुनाव में पार्टी का काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा. पार्टी को अपनी साख बचाने के लिये कई बार से निर्दलीय चुनाव जीत रहे जिला पंचायत सदस्य साधू वर्मा को पार्टी में शामिल करा कर उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया.
पूर्व जिला अध्यक्ष कपिल देव वर्मा का कहना है कि मेरे खिलाफ साजिश हो रही है, जो लोग लिख रहे हैं वे मेरे समर्थक नहीं हो सकते. पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी बालमीक उपाध्याय का कहना है कि निकाय चुनाव से पहले कोई परिवर्तन नहीं होगा. जो लोग लिख रहे हैं वे पार्टी के जिम्मेदार साथी हैं या नहीं इसे देखना पड़ेगा.