लखनऊ: विकास और तरक्की की राह पर आगे बढ़ रही योगी सरकार की यह उपलब्धि कुछ लोगों को रास नहीं आ रही. ये वो लोग हैं जिन्होंने अपने समय में किसानों की जमीनें हड़प लीं, उन्हें कर्ज के बोझ तले संघर्ष करने को अकेला छोड़ दिया. ये वो लोग हैं जिनके समय में अन्नदाता किसान गरीबी में जीने को मजबूर था, सरकार के पास न उनकी स्थिति में सुधार के लिए कोई नीति थी और न ही नीयत.गुंडागर्दी, लूटपाट, दंगे जैसी चीजें आम बात थी और इन सबके बीच सरकार अपने कुनबे के साथ जश्न में मशगूल रहती थी. ऐसे लोगों पर किसानों की चिंता का ढोंग अच्छा नहीं लगता.
प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ और दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी हर पल किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं. उनकी आय बढ़ाने के उपाय किए जा रहे हैं. किसी भी आपदा से अन्नदाता को राहत देने के लिए हमारे पास एक पुख्ता मैकेनिज्म है. सरकार हर वक्त किसानों के साथ खड़ी है. ये बातें बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहीं.
विशेषज्ञों की टीम कर रही नुकसान का आंकलन
कृषि मंत्री ने कहा कि हाल ही में जो बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है उसका प्रदेश सरकार गंभीरता से आंकलन कर रही है. गेहूं खरीद के लिए विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है. स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है और पीड़ित किसानों का पूरा ध्यान प्रदेश सरकार रखेगी. उन्होंने कहा कि ये सरकार नीति से चलती है और किसान हमारी प्राथमिकता में है और ये बात प्रदेश का हर किसान जनता है. वो जानता है कि ये सरकार उनका अहित नहीं होने देगी. जो लोग अपने समय में किसानों की ओर पीठ करके सोते थे, वो अब अनर्गल बयानबाजी करके किसानों को भृमित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश के किसान उन्हें उनकी सही जगह पहुंचा चुके हैं और अब उनकी हर कोशिश बेकार जाएगी.
किसानों की तरक्की नहीं आ रही रास
सूर्य प्रताप शाही ने किसानों के लिए चलाई जा रही राज्य और केंद्रीय योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ये सरकार किसानों के प्रति सजग है, इसीलिए मोदी और योगी सरकार ने फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि समेत अनेक योजनाओं के माध्यम से किसानों को राहत प्रदान की है. किसानों की आय में पहले कि तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है और सरकार आय को दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. ये सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाकों के किसान भी तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहे हैं. किसानों के सुसाइड के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है. विपक्षी नेताओं को किसानों की ये तरक्की रास नहीं आ रही.