Asad Encounter:उत्तर प्रदेश के झांसी में गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने माफिया अतीक अहमद के छोटे बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर कर दिया था. जिसके बाद आज दोनों के शव झांसी पुलिस उनके परिजनों को सुपुर्द करेगी, लेकिन इसी बीच जानकारी मिली है कि शूटर गुलाम की मां और उसके भाई ने उसका शव लेने से मना कर दिया है. पहली बार मीडिया के सामने आते हुए कहा गुलाम की मां और भाई ने कहा कि वह उसका शव नहीं लेंगे.
गुलाम के बड़े भाई राहिल हसन ने कहा कि वह छोटा भाई था और परिवार चाहता था कि वह अच्छे रास्ते पर चले और मां उसकी हरकत से काफी दुखी है. भाई ने कहा कि हमारे परिवार ने निर्णय लिया है कि उसके काम से जिस तरह से हमारी बदनामी हुई है और हमें जो सहना पड़ा है, हम उसके शव को नहीं लेंगे.
‘मैं गुलाम का मुंह तक नहीं देखना चाहती हूं’
गुलाम के भाई ने कहा कि मां हमेशा चाहती थी कि वो ये सब छोड़ नेक रास्ते पर चले, खूब नाम कमाए, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी. उसके कारनामों के कारण हमारा पूरा परिवार बिखर गया है. भाई ने कहा कि मेरी मां और हमारे परिवार ने फैसला किया है कि हम गुलाम के जनाजे में शिरकत नहीं करेंगे. गुलाम के भाई ने कहा कि हम तीन भाई हैं और मां ने हम तीनों को ही हमेशा अच्छे काम और नेक रास्ते पर चलने की सीख दी, भाई राहिल ने कहा हमारे पिता पार्षद भी रहे हैं और हमारा परिवार सम्मनित रहा है. मां ने उसको बहुत बार समझाया. जब वह जेल गया तो उसके वहां से आने के बाद भी उसको समझाया.
जिसके बाद उसकी शादी हुई तो हमे लगा सुधर जाएगा. उसकी दो बेटियां हैं. मां ने 5 महीने पहले उसके सामने हाथ भी जोड़े कि कोई ऐसा काम नहीं करना कि परिवार पर कोई आंच आए या परेशानी में आ जाए, लेकिन वो नहीं माना और आज पूरा परिवार उसके कारण बिखर गया है.
‘अब हमेशा के लिए सो गया तो उसका शव लेकर क्या करेंगे’
मां ने कहा कि मैंने काफी बार कहा उसे कोई गलत काम मत करना, वो भी कहता था कि ऐसा कुछ नहीं कर रहा हूं. अब वो हमेशा के लिए सो गया है तो उसका शव लेकर क्या करेंगे. सरकार ने सही किया या गलत इसके बारे में मैं कुछ नहीं कहना चाहती, लेकिन गलत काम का नतीजा गलत ही होता है. उसने जो किया उसको परिवार भुगत रहा है. हमारा मकान तोड़ दिया गया और हम किराए पर घर लेकर रह रहे हैं. सारी कमाई लगाकर घर बनाया था, लेकिन अब सबकुछ खत्म हो गया. मां ने कहा कि मैं गुलाम का मुंह तक नहीं देखना चाहती हूं. इस लड़के के कारण सब बिखर गया, मेरा पूरा परिवार बिखर गया. वहीं उनके भाई ने बताया कि मेरे तीन छोटे बच्चे हैं और गुलाम की वजह से नौकरी भी चली गई.
वहीं अतीक के बेटे असद का शव उसके नाना को सुपुर्द किया जाएगा. जिसके बाद प्रयागराज के कसारी मसारी स्थित कब्रिस्तान में असद को दफनाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक असद को उसके दादा की कब्र के नजदीक ही दफनाए जाएगा. कब्रिस्तान में असद की कब्र को खोदा जा रहा है.