मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेयर की सीट इस बार पिछड़ा वर्ग आरक्षित है. जिसको देखते पहले आम आदमी पार्टी ने तो अब समाजवादी पार्टी ने भी महिला प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है. अब तक सपा और आम आदमी पार्टी ने ही अपने कैंडिडेट की घोषणा की है. आम आदमी पार्टी ने रिचा सिंह को मैदान में उतारा है तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने भी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रही विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है. सीमा प्रधान को करीब 10 साल का राजनीतिक अनुभव है.
नगर निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद सही सभी पार्टियों में हलचल शुरू हो चुकी है. समाजवादी पार्टी की ओर से भी कई नेताओं ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय में डेरा डाला हुआ था. मेरठ की तरफ से मुख्य दावेदारी शहर विधायक रफीक अंसारी अपनी पत्नी खुर्शीद अंसारी के लिए टिकट मांग रहे थे और अतुल प्रधान वर्तमान विधायक सरधना भी अपनी पत्नी सीमा प्रधान के लिए टिकट मांग रहे थे. इस रेस में अतुल प्रधान ने बाजी मारी और देर रात सपा प्रदेश अध्यक्ष ने पूरे प्रदेश भर में 8 नामों की घोषणा की. जिसमें मेरठ जिले में सीमा प्रधान को प्रत्याशी घोषित किया गया.
सीमा को है राजनीति का लंबा अनुभव
अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को राजनीति का काफी अनुभव है. 2012 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार प्रदेश में आई थी तब से सीमा प्रधान राजनीति में काफी एक्टिव नजर आईं हैं. 2015 में पहली बार वो जिला पंचायत सदस्य बनीं और फिर 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनीं गईं. हालांकि 2017 में सरकार बदलने के बाद सीमा प्रधान ने पद से इस्तीफा दे दिया था. 2018 से वो सपा की महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव हैं, वहीं 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने पति अतुल को चुनाव प्रचार में काफी मदद की.
सीमा प्रधान ने जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए 1 साल के अंदर जो भी काम कराया था. उसका लाभ भी इस प्रचार प्रसार के दौरान लिया. नतीजा यह हुआ कि अतुल प्रधान ने दो बार के विधायक संगीत सोम को हरा दिया. इस बार मेरठ नगर निगम चुनाव में समाजवादी पार्टी और भाजपा की टक्कर मानी जा रही है और आम आदमी पार्टी भी इस बार मैदान में समीकरण बिगाड़ने के लिए उतर चुकी है. अब देखना यह होगा कि किसकी जीत होती है और कौन सी पार्टी मेरठ की सीट कबजाती है.