गरमा गर्मी , खंज़र छन्नी से छनी बंद कमरे से निकली फुसफुसाहट अलग मुल्क हरदोई से ( समझदार को इशारा काफी वाली तर्ज पर नाम नही लिखे गए हैं )
एक जनप्रतिनिधि वाले नेता जी - हमारा परिवार इतने लंबे (सालों की एक संख्या) यहां राजनीति कर रहा है आप चार महीनों से आये हैं , आप तय करेंगे किसका नाम पैनल में जायेगा नही जाएगा ?
संगठन के नेता जी - पहले तो आप भाजपा की रीति नीति समझना शुरू करिये , ये अध्यक्ष जी ( एरिया विशेष का नाम लेकर) मुझसे उम्र में छोटे हैं पर इनका सम्मान हम करते हैं ।
संगठन के और बड़े नेता जी - नेता जी आप केवल संस्तुति करिये राय रखिये , पैनल में किसका नाम जाएगा , किसका नही जाएगा ये हम तय करेंगे ।
नेता जी एक पुराने रिटायरमेंट के करीब नेता से - (पद का नाम) हैं आप राजधानी से और ब्लॉक प्रमुख तक के चुनाव में आ जाते हैं ।
(ये प्रतिक्रिया थी रिटायरमेंट के करीब के नेता के फोन पर दिए थे तीखे जबाब की )
बैठक खत्म होने के बाद बाहर जनप्रतिनिधि वाले नेता जी ने संगठन वाले नेता जी से कहा आइए कभी हवेली पर चाय पीते हैं , संगठन वाले नेता जी जो ब्राह्मणों की अति विशेष वंशावली से ताल्लुक रखते हैं ने कर्रे होकर जबाब दिया इतने महीनों तक तो आपने चाय नही पूछी , आज आपको चाय की याद आ गयी
निष्कर्ष - इतनी गहमागहमी के बाद भी नेता जी अपने उस नाम को भी जुड़वाने में सफल रहे जिसके पक्ष में जिले से लेकर राजधानी तक कोई नही था , जो पार्टी का नही महिष्मति सम्राट का एक कटप्पा था।
बाहुबली को एक छोटे से पद पर अपना एक कटप्पा बैठाने के लिए इतना भीषण युद्ध करना पड़ जायेगा इसकी चर्चा घनघोर फैल गयी है , आग के लिए पानी का भय कमजोर पड़ गया है ।
नोट - करिया टिक वाले मजबूत हैं अपेक्षाकृत अन्य से ।