Cyber Crime: कस्टमर केयर से बोल रहा हूं ये आवाज सुनी तो हो जाएं सावधान, बस एक कॉल में गवां बैठेंगे सबकुछ

Cyber Crime: कस्टमर केयर से बोल रहा हूं ये आवाज सुनी तो हो जाएं सावधान, बस एक कॉल में गवां बैठेंगे सबकुछ

नई दिल्ली: आज के समय में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है. बैंक फ्रॉड का खतरा इतना बड़ा है कि अनजाने में किए कुछ क्लिक्स आपको कंगाल बना सकते हैं. साइबर अपराधी अब लोगों को निशाना बनाने के लिए गूगल का भी सहारा ले रहे हैं. हाल ही के दिनों में गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर से होने वाले ठगी के कई मामले सामने आए हैं. इन फर्जी नंबरों से साइबर ठग हजारों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं.

अगर आप भी कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करने के आदि हैं तो आप भी साइबर ठगों के चंगुल में फंस सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप ऑनलाइन किसी भी जानकारी पर भरोसा करने से पहले सोचें और समझदारी से काम लें.

‘कस्टमर केयर एजेंट’ बनकर दे रहे धोखा

साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए नए तरीके निकालते रहते हैं. ऐसा ही एक फ्रॉड है इंटेरेट पर कस्टमर केयर या कस्टमर हेल्पलाइन नंबर के नाम पर चल रही ठगी. दरअसल, साइबर अपराधी वेबसाइट बनाकर कई जानी पहचानी कंपनियों के नाम से फर्जी हेल्पलाइन नंबर डाल रहे हैं. साइबर क्रिमिनल्स इन वेबसाइट्स को गूगल की रैंकिंग में ऊपर लाने के लिए पैसे भी खर्च करते हैं.

इससे होता यह है कि जब आप गूगल पर किसी कंपनी के हेल्पलाइन नंबर को सर्च करते हैं तो फर्जी साइट की रैंकिंग अधिक होने से वह सबसे पहले दिखती है. ज्यादातर लोग सर्च रिजल्ट में सबसे पहले आने वाली वेबसाइट पर ही क्लिक करते हैं. ऐसे में सतर्क न रहने पर उस नंबर पर कॉल कर अनजाने में खुद ही साइबर ठग को बुलावा दे डालते हैं.

साइबर अपराधी बड़ी चालाकी से आपसे इस तरह बात करेंगे कि वह उस कंपनी के कस्टमर केयर एजेंट हो. ऐसे में कई लोग उनपर भरोसा कर अपने बैंक अकाउंट, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ओटीपी और केवाईसी जैसी कई व्यक्तिगत जानकारियां साझा कर देते हैं.

हेल्पलाइन नंबर के फ्रॉड से कैसे बचें

आइये पॉइंट्स में जानते हैं हेल्पलाइन नंबर के फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है:

1. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते समय सतर्कता बेहद जरूरी है. जल्दबाजी में किसी भी अनजान लिंक पर क्लीक न करें.

2. गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करने से बेहतर है कि आप कंपनी के बुकलेट, पंपलेट या ऑफिसियल वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर ही संपर्क करें. ऐसे में फ्रॉड होने की गुंजाईश नहीं होगी.

3. बैंक के कस्टमर केयर का नंबर पासबुक, चेकबुक या डेबिट-क्रेडिट कार्ड के पीछे भी लिखा होता है.

4. अगर वेबसाइट के वेबएड्रेस या यूआरएल के सबसे आगे https लिखा है तो वह ट्रांजैक्शन करने के लिए सुरक्षित मानी जाती है.

5. कैशबैक, इंस्टेंट रिवॉर्ड या डिस्काउंट का झांसा देकर फोन नंबर, अकाउंट नंबर या आधार जैसी पर्सनल जानकारियों को मांगने वाले पोर्टल्स या मोबाइल ऐप से दूरी बनाएं.

6. अगर आपको लगता है कि कोई ट्रांजैक्शन आपने नहीं की है तो उसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन-1930 पर तुरंत करें. आप cybercrime.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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