जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हर मौसम में आवागमन सुनिश्चित कराने के लिए इस समय तमाम परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इस क्रम में सबसे महत्वपूर्ण परियोजना है कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अगुआई वाली सड़क परिवहन और राजमार्ग पर संसदीय सलाहकार समिति ने आज इस परियोजना का निरीक्षण किया। इस दौरान उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी उपस्थित थे। गडकरी ने सांसदों को निर्माण कार्य से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। हम आपको यह भी बता दें कि संसद में इस परियोजना के बारे में जब गडकरी बता रहे थे तब कुछ सांसदों ने इसे देखने की इच्छा जाहिर की थी लिहाजा गडकरी अपने मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति की बैठक के लिए जब कश्मीर आये तो सांसदों को यह परियोजना दिखाने ले आये। उन्होंने कहा कि यह अटलजी का सपना था जिसे हमारी सरकार पूरा कर रही है।
जोजिला टनल की खासियत
गडकरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से 19 टनल का निर्माण हो रहा है। इसके अंतर्गत जोजिला में 6800 करोड़ रुपए की लागत से 13.14 किमी लंबाई के टनल एवं एप्रोच रोड़ का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह 7.57 मीटर उँची घोड़े की नाल के आकार की सिंगल ट्युब, 2-लेन टनल है, जो कश्मीर के गांदरबल और लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के बीच हिमालय में जोजिला दर्रे के नीचे से गुजरेगी। इस परियोजना में स्मार्ट टनल (SCADA) सिस्टम शामिल है, जिसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग पद्धति का उपयोग करके किया गया है। सीसीटीवी, रेडियो नियंत्रण, निर्बाध बिजली आपूर्ति, वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से यह सुसज्जित है। इस परियोजना में आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से भारत सरकार के 5000 करोड़ रुपए की भी बचत हुई है।
कब तक पूरी होगी परियोजना?
हम आपको बता दें कि कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग के निर्माण का काम पूरी गति से चल रहा है और लगभग 40 प्रतिशत खुदाई का काम पूरा हो चुका है। यह परियोजना दिसंबर, 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। हम आपको बता दें कि श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे में निर्माणाधीन यह सुरंग परियोजना सामरिक महत्व रखती है क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर घाटी से संपर्क टूट जाता है। जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदेरबल जिले में बालटाल को लद्दाख में करगिल जिले के द्रास कस्बे में मिनीमार्ग को जोड़ेगी। सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा संपर्क मार्ग है जबकि मुख्य सुरंग की लंबाई 13 किलोमीटर है।
इस सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के परियोजना प्रमुख हरपाल सिंह ने कहा है कि इसका काम पूरी रफ्तार से चल रहा है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार की यह परियोजना बेहद क्रांतिकारी है। सोनमर्ग से मिनीमार्ग तक इस परियोजना की कुल लंबाई 31 किलोमीटर है। सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा मार्ग है और उसके बाद बालटाल से मिनीमर्ग तक मुख्य सुरंग 13 किलोमीटर की है। दोनों परियोजनाओं पर तेज गति से काम चल रहा है।” हरपाल सिंह ने कहा कि जनवरी में बार-बार हिमस्खलन होने के कारण दो महीने तक काम बंद करना पड़ा था। हिमस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई थी और निर्माण कंपनी के 38 निर्माण उपकरण बर्फ में दब गए थे, जो अभी तक नहीं मिल पाए हैं। उन्होंने कहा, “वह एक अस्थायी व्यवधान था। उम्मीद है कि पूरी परियोजना दिसंबर, 2026 तक पूरी हो जाएगी।”