कोशिश करने वालों की हार नही होती , साधारण परिवार के विशाल ने संघर्ष के बूते चौथे प्रयास में कमाया डिप्टी एसपी का ओहदा

कोशिश करने वालों की हार नही होती , साधारण परिवार के विशाल ने संघर्ष के बूते चौथे प्रयास में कमाया डिप्टी एसपी का ओहदा

बुढ़ापे की छड़ी मजबूत हो गयी ...

हरदोई जिले के शाहाबाद कस्बे के रहने वाले विशाल का चयन डिप्टी एसपी पद पर हो गया है , फ्रंट और बैक दोनो के ग्राउंड्स बता रहे हैं कि कितना संघर्ष किया होगा इस परिवार ने , ये टूटा प्लास्टर गवाह है उन माता पिता के संघर्ष का जो अपने घर का रंगरोगन तो नही करवा पाए पर अपने बेटे के भविष्य का रंगरोगन चिर काल तक जरूर कर दिया .....

बधाई विशाल को , बधाई परिवार को , आइये बानगी मात्र समझते हैं इस परिवार के संघर्ष की 

छोटे से कस्बे शाहाबाद के एक मामूली परिवार के सदस्य विशाल गुप्ता को UPPCS के रिजल्ट में अपने चौथे प्रयास में 49 वीं रैंक मिली है। शाहाबाद कस्बे के मोहल्ला चौक निवासी बृजेश गुप्ता का बड़ा बेटा विशाल डीएसपी बनकर न केवल परिवार के लिए बल्कि दोस्तों और युवाओं के लिए एक नसीहत भी बन गया है। विशाल गुप्ता ने डीएसपी बनकर युवाओं को एक संदेश दे दिया कि अगर मन में लगन और संघर्ष करने की क्षमता है तो एक न दिन आपको आपका मुकाम मिलकर रहेगा । बृजेश गुप्ता और किरन गुप्ता की चार संतानों में विशाल गुप्ता सबसे बड़ा बेटा है। उसके बाद वैभव, शिवानी, ऐश्वर्या और यश हैं । 

विशाल ने प्राथमिक शिक्षा गीता शिशु विद्या मंदिर चौक से हासिल की। उसके बाद कक्षा 6 से 12 तक आदर्श राष्ट्रीय इंटर कॉलेज गिगियानी में पढ़ाई करने के बाद जीएफ कॉलेज शाहजहांपुर चले गए। जहां से उन्होंने बीएससी और फिर हिंदी में मास्टर डिग्री हासिल की। शाहजहांपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाल सीधे दिल्ली पहुंचे । यहां आर्य समाज की महाशय धरमपाल आर्य प्रतिभा विकास संस्थान के नाम से संस्था चलती है। इस संस्थान में पहुंच कर विशाल को काफी सुविधाएं मिली। यह संस्था कोचिंग भी चलाती है और इस संस्था के पास आवासीय सुविधा भी है।  दो वर्ष तक विशाल ने यही शिक्षा ग्रहण की और आर्य समाज की इसी संस्था की आवासीय सुविधा का लाभ लिया परंतु कोरोना काल में उन्हें दिल्ली छोड़नी पड़ी और वह हरदोई शहर के सुभाषनगर मुहल्ले में एक कमरा किराए पर लेकर रहने लगे। यहीं पर उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा और तैयारी करते रहे । 

विशाल बताते हैं पिताजी का संघर्ष और माता जी का त्याग उन्हें डीएसपी के मुकाम तक ले गया। अपने पिताजी के संघर्ष को देखकर विशाल को काफी दुख होता था। विशाल ने मन ही मन में कुछ कर गुजरने की ठान रखी थी। उसी का परिणाम है कि मेहनत करके विशाल डीएसपी जैसे प्रमुख ओहदे पर पहुंचा। शुक्रवार को आए रिजल्ट में विशाल गुप्ता की 49वीं रैंक आई है। विशाल की सफलता पर उसके घर में खुशियों की बरसात आ गई। इष्ट, मित्र और दोस्त, यार विशाल के घर पहुंच कर मुबारकबाद दे रहे हैं और बड़ी संख्या में उसके पास फोन के माध्यम से शुभकामनाएं पहुंच रही हैं। 



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