बीजिंग: अमेरिका और ताइवान को एक बार फिर साथ देखकर चीन तिलमिला उठा है. ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की अमेरिकी यात्रा को लेकर चीन भड़क गया है. उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान सीमा के पास सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है. पीएलए के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने घोषणा की कि चीन आज से ताइवान के आसपास 3 दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू कर रहा है. चीन की सेना ने ताइवान के चारों तरफ 13 चाइनीज एयरक्राफ्ट और 3 युद्धपोतों की तैनाती कर दी है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है.
समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने 5 अप्रैल को अमेरिका के निचले सदन के सभापति केविन मैकार्थी से कैलिफोर्निया में मुलाकात की थी. यह पहली बार हुआ कि किसी ताइवानी राष्ट्रपति ने अमेरिका की धरती पर अमेरिकी स्पीकर से मुलाकात की. चीन ने चेतावनी दी थी कि अगर ताइवानी राष्ट्रपति साई इंग वेन, अमेरिकी स्पीकर से मिलीं तो ठीक नहीं होगा. अब उसके सैन्य अभ्यास को अमेरिका के साथ ताइवान की नजदिकियों का नेतीजा बताया जा रहा है.
ताइवान के अधिकारियों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के मैक्कार्थी की बैठक में हिस्सा लिया. इसमें शामिल होने पर उन्हें चीन की ओर से कम गंभीर प्रतिक्रिया की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि वे चीन द्वारा और अधिक अभ्यास करने की संभावना से इनकार नहीं कर सकते. ताइवान को चीन अपना क्षेत्र बताता है और नहीं चाहता कि अमेरिका इस मामले में दखल दे. इधर, ताइवान खुद को आजाद मुल्क मानता है और अमेरिका भी उसका समर्थन करता है. यह पहला मौका नहीं है जब ताइवान और अमेरिका की बढ़ती दोस्ती से चीन को दिक्कत हुई हो.
बीते साल अगस्त में जब अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन सभापति नैंसी पेलोसी ताइवान आई थीं, तब भी चीन ने ताइवान के चारों ओर लाइव फायर मिसाइल लॉन्च कर दी थी. जब पेलोसी ताइवान में थीं, तभी धमाकों की आवाजें सुनाई देने लगी थी. उस समय भी चीन ने इस पर कड़ा एतराज जताया था और ताइवान को धमकी दी थी. हालांकि ताइवान चीन की धमकी के आगे नहीं झुका था. राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि अमेरिका ताइवान की संप्रभुता की रक्षा करेगा और जरूरत पड़ी तो चीन की आक्रामकता के खिलाफ ताइवान की मदद करने से नहीं हिचकिचाएगा.