रामपुर: सपा के कद्दावर नेता आजम खान पर एक नई मुसीबत आन पड़ी है. पहले ही चोरी डकैती समेत अन्य कई तरह के मामलों में मुकदमे बाजी झेल चुके आजम खान एक मामले में सजा होने के बाद विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके हैं. अब संभावना है कि लीज की जमीन पर बना उनका आफिस दीवान ए आवाम भी उनसे छिन जाएगा. फिलहाल मामले की जांच मुरादाबाद मंडलायुक्त के पास है.
उन्हें जल्द से जल्द मामले की जांच के बाद कार्रवाई करते हुए सरकार को रिपोर्ट देनी है. इसके लिए उन्होंने अपने स्तर पर छानबीन भी शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक सपा नेता आजम खान ने साल 2012 में यूनिवर्सिटी के नाम पर सरकार से 30 साल के लिए लीज पर जमीन लिया था. तय हुआ था कि इस जमीन के एवज में सरकार को 100 रुपये सालाना की दर से किराए का भुगतान किया जाएगा.
आरोप है कि इस जमीन पर यूनिवर्सिटी की नींव रखने से पहले आजम खान ने यहां अपना ऑफिस बना लिया. इसके बाद इस ऑफिस को दीवान ए आवाम नाम देते हुए वह इसी आफिस में समाजवादी पार्टी का झंडा लगाकर जनसुनवाई करने लगे थे. इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने मुरादाबाद के मंडलायुक्त को जांच के आदेश दिए हैं.
वहीं सरकार के आदेश पर मंडलायुक्त ने खुद मामले की जांच भी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इस जांच के पूरी होते ही आजम खान से इस आफिस को खाली करा लिया जाएगा. बता दें कि पिछले ही साल हेट स्पीट मामले में आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. रामपुर कोर्ट ने इस मामले में आज को तीन साल की सजा सुनाई थी. समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. स्वार टांडा विधानसभा से अब्दुल्ला विधायक थे.