मोदी कैबिनेट के दिग्गज चेहरे विदेश मंत्री एस जयशंकर, आवासन और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ऐसे कई अधिकारी हैं जिन पर न केवल बीजेपी सरकार की तरफ से भरोसा दिखाया गया बल्कि उन्हें अहम पदों पर भी बिठाया गया। अब इसी राह पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चलते नजर आ रहे हैं। बीजेपी ने यूपी चुनाव 2022 में ईडी के अधिकारी रहे राजेश्वर सिंह, पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को चुनावी मैदान में उतारा था। इसके अलावा पीएम मोदी के करीबी रहे एके शर्मा की भी एंट्री हुई। अब एक नाम और सुर्खियां बटोर रहा है वो नाम साकेत मिश्रा का है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मनोनीत कोटे की खाली छह सीटों पर मनोनित किए गए नाम चर्चा का विषय बने हुए हैं।
यूपी बीजेपी कोटे से ये 6 नेता बने एमएलसी
उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव चंद्रशेखर ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। निर्वाचन अनुभाग से जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल ने विधान परिषद की रिक्तियों में छह व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया है। जारी अधिसूचना के मुताबिक रजनीकांत माहेश्वरी, साकेत मिश्रा, लालजी निर्मल, तारिक मंसूर,रामसूरत राजभर और हंसराज विश्वकर्मा को मनोनीत किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले सदस्यों के लिए छह नाम प्रस्तावित किए थे, जिनमें तारिक मंसूर तथा साकेत मिश्र समेत ये सभी छह नाम शामिल थे।
कौन हैं साकेत मिश्रा?
साकेत मिश्रा प्रशासनिक अधिकारी की पृष्ठभूमि से राजनीति में आए हैं। उन्होंने कई इंटरनेशनल बैकों में काम किया है। पीएम मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा के पुत्र हैं। उवके लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान श्रावस्ती सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा चली थी। लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया। । अब उन्हें विधान परिषद के जरिए योगी सरकार यूपी की राजनीति में फिट कर रही है।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर
प्रोफेसर तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। इससे पहले, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया। भाजपा ने तारिक मंसूर के जरिये मुसलमानों में अपनी पकड़ बनाने की पहल की है