Fake NCERT Books: क्या आपने बच्चों की किताबें चेक की हैं. अगर नहीं की हैं, तो आपको कर लेना चाहिए. आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं. दरअसल, इसके पीछे की वजगह नकली किताबें हैं. आपको चेक करना चाहिए कि कहीं आपके बच्चे नकली किताबें तो नहीं पढ़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली में NCERT की अवैध रूप से नकली किताबें छापने की जानकारी सामने आई हैं. NCERT के अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत बरेली पुलिस को इसकी जानकारी दी.
वहीं, बरेली पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रिटिंग प्रेस पर छापा मारा. छापेमारी में पुलिस को एनसीईआरटी की हजारों किताबें बरामद हुई हैं. फिलहाल पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस को सील कर दिया है. प्रिंटिंग प्रेस के मालिक की तलाश की जा रही है. पुलिस अब मामले की जांच में जुट गई है, ताकि इस बारे में और पता लगाया जा सके.
सील किया गया प्रिंटिंग प्रेस
बरेली एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि बरेली की भोजीपुरा थाने की पुलिस ने एनसीईआरटी की अवैध रूप से किताबें छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस को सील करने के साथ ही संचालक को गिरफ्तार किया है. उन्होंने आगे बताया कि प्रिंटिंग प्रेस के मालिक की तलाश की जा रही है. इसके लिए पुलिस की टीमें मेरठ में दबिश दे रही हैं. प्रिंटिंग प्रेस से हजारों किताबों को भी बरामद किया गया है. बताया जाता है की अब तक इस प्रिंटिंग प्रेस पर लाखों किताबें छापकर बेची जा चुकी है.
प्रिंटिंग प्रेस संचालक पर पहले भी दर्ज है केस
यहां गौर करने वाली बात ये है कि पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस के जिस संचालक नफीस को गिरफ्तार किया है उसके खिलाफ मेरठ में भी एनसीईआरटी की किताबें छापने के मामले में मुकदमा दर्ज है. नफीस का मालिक एक सफेदपोश बताया जा रहा है. हालांकि अभी पुलिस मामले की जांच कर रही है. मेरठ निवासी एक सफेदपोश की छत्रछाया में एनसीईआरटी की नकली किताबें छपवा रहा था.
वहीं, इस मामले में एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि एनसीआरटी के अधिकारियो ने भोजीपुरा के इंडस्ट्रियल एरिया में एक प्रिंटिंग प्रेस पर एनसीआरटी की किताबें छापने का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस जांच में मेरठ निवासी नफीस को गिरफ्तार किया है और भी कई लोगो के नाम संज्ञान में आए है. नफीस के खिलाफ मेरठ में भी 2020 में मुकदमा दर्ज किया गया था.