उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पानी की टंकी के निर्माण कार्य के दौरान चल रही खुदाई में जमीन से सिक्के मिलने की घटना के बाद खुदाई कर रहे मजदूरों में कौतूहल मच गया. सिक्के मिलने की घटना के बाद मजदूरों ने सिक्कों को चुपके से अपने पास रख लिया और उनकी बिक्री चुपके से गांव के पास ही एक ग्रामीण से कर दी. सिक्के मिलने की घटना धीरे-धीरे गांव और फिर क्षेत्र में चर्चा का सबब बन गई.
घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को मिली कोतवाल ने घटनास्थल पर जाकर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी. पूछताछ के दौरान मजदूर की निशानदेही पर जमीन से मिली पुरातात्विक धरोहर सिक्कों को बरामद करने के बाद में जिला प्रशासन को अवगत कराया है जिला प्रशासन ने सिक्कों को लखनऊ पुरातत्व संग्रहालय भेजा दिया है.
हरदोई जिले की कासिमपुर थाना क्षेत्र के महमूदपुर लालता गांव में हर घर जल मिशन के अंतर्गत पानी की टंकी का निर्माण कार्य चल रहा है. इस पानी की टंकी के निर्माण कार्य में गांव के ही मजदूर काम कर रहे हैं. निर्माण कार्य के दौरान पानी की टंकी के प्रांगण में नाली की खुदाई का काम चल रहा था
इसी दौरान खुदाई में मजदूर गुड्डू को अष्टधातु के सिक्के मिले थे. गुड्डू सभी सिक्कों को अपने हाथ में बांधकर अपने घर ले गया और बाद में आरोपी गुड्डू ने पुरातात्विक धरोहर सिक्कों को दिवारी गांव निवासी एक युवक को दे दिए थे.
गांव में आग की तरह फैली सिक्के मिलने की खबर
सिक्के मिलने की सूचना क्षेत्र में चर्चा का सबब बनी हुई थी. कासिमपुर थाना अध्यक्ष महेश चंद्र ने बताया कि खुदाई के दौरान सिक्के मिलने की सूचना जैसे उन्हें मिली उन्होंने गांव जाकर टंकी के निर्माण कार्य में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों से पूछताछ की. इस दौरान गुड्डू ने सिक्के मिलने की बात बता दी. उसके बाद उन्हें बेचने के विषय में भी बता दिया. सिक्कों को खरीदने वाले युवक से बरामद कर लिया गया है
प्रथम दृष्टया फारसी में लिपिबद्ध सिक्के अष्ट धातु के
हरदोई के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि बरामद किए गए सिक्कों को पुरातात्विक धरोहर मानते हुए जिला प्रशासन की मदद से लखनऊ पुरातत्व संग्रहालय भेजा गया है. इन सिक्कों पर फारसी में कुछ बात है प्रथम दृष्टया यह सिक्के काफी पुराने प्रतीत हो रहे हैं, इन सिक्कों की संख्या 20 है
फारसी में लिखी मुहर हो सकती है बेशकीमती
डॉ सदानंद गुप्ता ने बताया कि फारसी में लिपिबद्ध सिक्कों को मोहर कहा जाता है. इन सिक्कों को मुगल शासक औरंगजेब के कालखंड से भी जोड़कर देखा जाता है. उस जमाने में फारसी साम्राज्य के समय इस तरीके के सिक्के प्रचलन में थे. जो अब खुदाई के दौरान कई जगहों से प्राप्त हो रहे हैं, यहां पुरातत्विक बेशकीमती धरोहर है.