नई दिल्ली: बहरीन (Bahrain) एक इस्लामिक देश है और यहां इस्लाम पर सवाल उठाने वाले 3 लोगों को जेल भेज दिया गया है. बहरीन के पब्लिक प्रोसेक्यूटर ने उन्हें 1 साल की जेल की सजा सुनाई है. इन लोगों पर इस्लामी शिक्षा पर बहस करने का आरोप है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक ये तीनों आरोपी इस्लामी विश्वास का उल्लंघन करने और पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के दोषी पाए गए हैं. ये तीनों स्थानीय कल्चर सोसायटी ‘ ताजदीद’ के सदस्य बताए गए हैं. इनको लेकर बवाल मचा हुआ है और इस मुद्दे को लेकर शिया और सुन्नी समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए हैं.
इस संस्था ने बयान जारी करते हुए कहा है कि इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान या पैगंबर मोहम्मद की शिक्षा पर सवाल नहीं उठाए, लेकिन हमने धार्मिक स्कॉलर और नए मौलवियाें के बयानों और राय पर सवाल उठाए हैं. इधर, बहरीन के प्रमुख शिया मौलवियों ने ताजदीद संस्था पर अनेक आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि ताजदीद ने इस्लाम की नींव पर हमला किया है. इस घटना को लेकर बहरीन के शिया और सुन्नी समुदाय के लोग आमने- सामने हो गए हैं. इधर, एक पक्ष का कहना है कि आरोपों की जांच होनी चाहिए.
तीनों आरोपियों को मिली सजा, सरकार ने नहीं उजागर की पहचान
बहरीन के सरकारी वकील के कार्यालय के अनुसार तीनों आरोपियों ने गंभीर जुर्म किया है. उन्होंने कहा कि तीनों की पहचान उजागर नहीं की जा रही है, लेकिन उनका जुर्म गंभीर है. इधर लोकल मीडिया के अनुसार जलाल अल कसाब, रेद्दा रजाब और मोहम्मद रजाब तीन आरोपियों में शामिल हैं. इनको लेकर जो प्रतिक्रिया बहरीन में जारी है, उसमें कहा गया है कि मोहम्मद रजाब जमानत पर फिलहाल ब्रिटेन में है. हालांकि बहरीन में कई बार शांति भंग हो चुकी है. 2011 में भी सुन्नी राज घराने के खिलफ शिया समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन के कारण कई दिनों तक अशांति बनी रही थी और बहरीन ने यूएई और अन्य देशों से मदद मांगी थी.