नई दिल्ली: आईपीएल (Indian Premier League) दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है. टी20 लीग का 16वां सीजन आज से शुरू हो रहा है. पहला सीजन 2008 में खेला गया था. पिछले दिनों हुए ऑक्शन में इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम करेन को पंजाब किंग्स ने 18.5 करोड़ रुपये में खरीदा था. इसी के साथ करेन आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी बने. एक टीम खिलाड़ियों की सैलरी पर 95 करोड़ रुपये खर्च कर सकती हैं. इस तरह से 10 टीमों की बात करें, तो खिलाड़ियों को सैलरी के तौर पर अधिकतम 950 करोड़ मिल सकते हैं. लेकिन यह दुनिया की टाॅप-3 लीग से सैलरी के मामले में काफी पीछे है.
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर दुनिया की बड़ी लीग के हिसाब से आईपीएल में खिलाड़ियों को सैलरी दी जाए, तो इसमें 3 गुना तक की बढ़ोतरी हो सकती है. डेलॉयट के अनुसार, अमेरिकी की टॉप-3 लीग एनबीए, एनएफएल और मेजर लीग बेसबॉल में खिलाड़ियों को कुल रेवेन्यू से बतौर सैलरी लगभग 48 फीसदी राशि मिलती है. वहीं इंग्लिश प्रीमियर लीग में 2020-21 में खिलाड़ियों को सैलरी के तौर पर 71 फीसदी राशि दी गई. लेकिन आईपीएल में यह सिर्फ 18 फीसदी है. यानी खिलाड़ियों को भले ही यहां बड़ी रकम मिल रही है, पर वे दुनिया की अन्य लीग के सामने कहीं नहीं टिकते.
एक टीम का रेवेन्यू लगभग 500 करोड़ का
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में एक टीम को लगभग 500 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है. वहीं टॉप टीमों को अतिरिक्त 50 करोड़ मिल सकते हैं. आईपीएल के अगले सीजन से सभी टीमों की सैलरी में 5 करोड़ की बढ़ोतरी हो सकती है. यानी एक टीम 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगी. आईपीएल में सबसे कम ग्रेड वाले खिलाड़ियों को सिर्फ 20 लाख रुपये ही मिलते हैं. वहीं अगर कोई खिलाड़ी पूरे सेशन में एक भी मैच नहीं खेलता है, तो उसकी सैलरी में 20 फीसदी की कटौती हो जाती है.
विदेशी बोर्ड को भी मिलते हैं पैसे
आईपीएल से विदेशी बोर्ड को भी कमाई होती है. नियम के अनुसार, हर खिलाड़ी की सैलरी की 10 फीसदी राशि उनके बोर्ड को मिलती है. इस कारण अधिकतर बोर्ड आईपीएल के दौरान इंटरनेशनल सीरीज नहीं रखते हैं. सबसे अधिक कमाई ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों की होती है. आईपीएल की टीमें दुनिया भर की लीग में भी उतर रही हैं. इसमें कैरेबियन प्रीमियर लीग, साउथ टी20 लीग, मेजर लीग क्रिकेट और यूएई टी20 इंटरनेशनल लीग शामिल है.