पाकिस्तान में मरीजों को जान बचाने के पड़े लाले, जरूरी दवाओं की हुई भारी किल्लत, करेंसी के गिरने से आयात महंगा

पाकिस्तान में मरीजों को जान बचाने के पड़े लाले, जरूरी दवाओं की हुई भारी किल्लत, करेंसी के गिरने से आयात महंगा

इस्लामाबाद: लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) में अब लोगों को जान बचाने वाली जरूरी दवाओं की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान की करेंसी रुपया (Pakistani Rupee) कमजोर होता जा रहा है, जिससे दवाओं का आयात लगातार महंगा होता जा रहा है. पाकिस्तान के दवा नियामक प्राधिकरण (Drug Regulatory Authority of Pakistan-DRAP) की नीतियों ने इस संकट को बढ़ाने में और ज्यादा योगदान दिया है. DRAP की दवाओं की कीमत तय करने की विवादास्पद नीति के कारण पाकिस्तान के आम लोगों को जीवन रक्षक दवाओं की भयंकर कमी का सामना करना पड़ रहा है.

एक फार्मासिस्ट और दवाओं के आयातक ने कहा कि डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये के बहुत कमजोर होने और पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) की विवादास्पद दवा मूल्य निर्धारण नीति के कारण जरूरी दवाओं की कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं. आयातकों के लिए उन्हें मौजूदा कीमतों पर बेचना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो गया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दवा आयातकों के पीछे हटने के बाद कई जगह सप्लाई बंद हो गई है. सार्वजनिक और निजी अस्पतालों को आयातित टीकों, कैंसर की दवाओं और एनेस्थीसिया गैसों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. भारत, चीन, रूस, यूरोपीय देशों के साथ-साथ पाकिस्तान अमेरिका और तुर्की से अधिकांश दवाएं, टीके और कैंसर विरोधी दवाओं का आयात करता है.

मौजूदा वक्त में पाकिस्तान एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. उसके ऊपर भारी विदेशी कर्ज लदा हुआ है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घटता जा रहा है. पिछले साल जून में पाकिस्तान में आई प्रलयंकारी बाढ़ ने देश के एक- तिहाई हिस्से को डुबो दिया था. जिसके कारण करीब 3.3 करोड़ से ज्यादा लोगों को अपना घरबार छोड़ना पड़ा था और पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को 12.5 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान पहुंचा था. पाकिस्तान वर्तमान में अपने घटते विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए छटपटा रहा है. चीन ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर दिए. जिसके बाद उसका विदेशी मुद्रा का भंडार 4.8 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को आईएमएफ से 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की मदद मिलने का इंतजार है, जो उसे पिछले साल नवंबर में मिलने वाली थी. ये फंड 2019 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) के मंजूर किए गए 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा है.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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