कोटा: इन दिनों मुस्लिम समुदाय का पाक माह रमजान चल रहा है. लोग रोजे रख नेकी का फल प्राप्त कर रहे हैं. इस्लाम धर्म में रोजा रखना हर बालिग का फर्ज है. इस माह में की गई एक नेकी के बदले सत्तर नेकियों के बराबर फल मिलता है. रमजान में पूरे महीने का रोजा रखना हर बालिग मर्द और औरत पर फर्ज है. कोटा शहर में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रोजे रख रहे हैं.
इस पवित्र महीने में कोटा के 7 साल से 11 साल तक के बच्चों ने रोजे रखे हैं. मासूम बच्चे गर्मी होने के बावजूद भी बड़ी शिद्दत से रोजे रख रहे हैं. कोटा में गर्मी का तापमान अधिकतम 35 से 40 तक टेंपरेचर होता है. 15 घंटे भूख प्यास के बिना बच्चे ही क्या बड़े बुजुर्गों भी रोजा रखने में मुश्किल आती है. ऐसे में इन बच्चों का हौसला काबिले तारीफ है
कोटा रहने वाली बच्ची माहिरा खान जिनकी उम्र 9 साल है वे भी रोजे रखती हैं. सिक्स क्लास में पढ़ने वाली माहिरा ने शुरू से रोजे रखे हुए हैं वह स्कूल भी जाती हैं और स्कूल के बाद माहिरा क्रिकेट एकेडमी में कई घंटों तक प्रैक्टिस भी करती हैं.
क्रिकेट के मैदान में अपना बेहतरीन प्रदर्शन भी देती हैं. माहिरा ने बताया कि क्रिकेट के पिच पर उन्हें भूख और प्यास बिल्कुल भी नहीं लगती. माहिरा ने बताया कि अल सुबह 3 बजे घर के लोग सेहरी के लिए उठते हैं तो वे भी उठ जाती हैं. सेहरी करने के बाद नमाज अदा की जाती है.
माहिरा बताती हैं कि रोजे रखने से वे एकाग्र हो जाती हैं और उनका ध्यान नहीं भटकता. रोजे रखने के बाद भी वे आम दिनों की तरह ही प्रैक्टिस करती हैं.