उत्तरपदेश के हरदोई जिले के पारा गांव के पास हुए डबल मर्डर के बाद ऐसी सनसनी मची कि घटना की भयावहता को समझते हुए आईजी रेंज तरुण गाबा खुद जायजा लेने आ गए । आईजी तरुण गाबा ने एसपी हरदोई राजेश द्विवेदी के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायल चश्मदीद से बातचीत की । अपने परिवार के होनहार युवकों की इस निर्मम हत्या से आक्रोशित परिजनों ने आईजी से दो टूक कह दिया कि बुलडोजर चलना चाहिए नही तो वो अंतिम संस्कार नही करेगें । आईजी तरुण गाबा ने परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि जो हो गया उसे तो वो वापस नही ला सकते पर जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी ।
मंझिला थाना क्षेत्र के पारा गांव में अनिल शुक्ला और बड़े सिंह दो मुख्य परिवार माने जाते हैं , दोनो ही परिवारों में राजनैतिक वर्चस्व को लेकर काफी समय से तनातनी चली आ रही थी । बीते पंचायत चुनाव में सीट आरक्षित होने पर बड़े सिंह ने नंदलाल कुशवाहा को समर्थन देकर जितवा लिया पर आगे चलकर किन्ही कारणोंवश नंदलाल कुशवाहा अनिल शुक्ला के खेमे में आ गए । अनिल शुक्ला का बेटा अमित शुक्ला ही गांव की राजनीति संभालता था और काफी मिलनसार बताया जाता था । धीरे धीरे ये राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई इस मोड़ पर पहुंच गई कि आज दोपहर अमित शुक्ला , प्रधान नंदलाल कुशवाहा का भतीजा रमाकांत कुशवाहा निर्मम हत्या के घाट उतार दिए गए । उनका एक साथी गम्भीर रूप से घायल हो गया । चश्मदीद के मुताबिक उनकी बाइक में बोलेरो गाड़ी से पहले टक्कर मारी गयी फिर अमित और रमाकांत के सर पर हथौड़े , हॉकी , डंडों से वार कर कर के बड़ी बेरहमी से उन्हें मार कर खाई में फेंक दिया गया ।
घटना की जानकारी होते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गयी , अरसे बाद लोगों ने इस तरह के Organised Murder के बारे में सुना । अमित शुक्ला राजनैतिक और सामाजिक रूप से काफी सक्रिय रहता था और दो साल पहले ही उसकी शादी हुई थी , पत्नी गर्भवती है , ऐसे में परिवार की दशा क्या होगी ये समझना मुश्किल नही है । राजनैतिक वर्चस्व की ये लड़ाई दो परिवारों को बर्बादी के इस मोड़ तक ले आएगी किसी ने सोचा ना था ।