कभी देते थे आतंकवाद पर ज्ञान, अब आपस में ही उलझे तालिबान और पाकिस्तान

कभी देते थे आतंकवाद पर ज्ञान, अब आपस में ही उलझे तालिबान और पाकिस्तान

इस्लामाबाद: आतंक का पर्याय रहे तालिबान और पाकिस्तान कभी आतंकवाद पर मिलकर पूरे विश्व को ज्ञान दिया करते थे कि पाकिस्तान आतंकवादियों का शरणदाता नहीं है और तालिबान आतंकवादी संगठन नहीं है, लेकिन अभी दोनों ही आतंकवाद को लेकर एक-दूसरे की पोल खोलने में लग गए हैं. पाकिस्तानी सुरक्षाबलों का दावा है कि पेशावर मस्जिद में घातक विस्फोट के लिए हमलावर को अफगानिस्तान के कुंदूज प्रांत में प्रशिक्षित किया गया था और पेशावर मस्जिद में यदि एक आत्मघाती हमलावर विफल होता तो दूसरे आत्मघाती को भी तुरंत हमला करने के लिए तैयार रखा गया था.

दूसरी तरफ तालिबान का दावा है कि आईएसकेपी (आईएसआईएस ख़ोरासान प्रांत) के ठिकाने पाकिस्तान में हैं और इसीलिए पाकिस्तान में अब अफगानी नागरिकों को एक शहर से दूसरे शहर जाने पर संबंधित पुलिस थाने में सूचना देनी होगी. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के उपमहानिरीक्षक ने आधिकारिक तौर पर इस बाबत कहा कि विभाग ने 30 जनवरी को पेशावर के पुलिस लाइंस में मस्जिद पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर के मास्टरमाइंड गफ्फार उर्फ ​​​​सलमान और हैंडलर दोनों का पता लगाया है.

पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के मुताबिक अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के जमात उल अहरार समूह द्वारा इस हमले की योजना बनाई गई थी. इस योजना के तहत आत्मघाती हमलावर इम्तियाज उर्फ ​​तोराशिपा उर्फ ​​कारी अफगानिस्तान के कुंदुज प्रांत से था और मोलवी अब्दुल बसीर की देखरेख में उसे अफगानिस्तान के अख्तुनके क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया था. पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि पहले आत्मघाती हमलावर यदि अपने हमले में सफल नहीं हो पाता एक अतिरिक्त आत्मघाती हमलावर हमला करने के लिए तैयार था. पाकिस्तान का दावा है कि यह मास्टरमाइंड अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद है और उसके निर्देशन में 5-6 आत्मघाती हमलावर अभी भी अफगानिस्तान में अख्तुंके प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण ले रहे हैं.

पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बाकायदा एक फोटो जारी कर कहा कि पेशावर मस्जिद में इस आत्मघाती को अफगानिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था. जवाब में अफगानिस्तान ने कहा कि इम्तियाज नाम के जिस लड़के की तस्वीर दिखाई जा रही है वह पाकिस्तानी कबायली जिले मोमंद के हलीमजी तहसील के दावीजई गांव का लड़का है. उसने कुछ हफ्ते पहले आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन पुलिस ने अपनी विफलता को कवर करने और हमले को अफगानिस्तान से जोड़ने के लिए उसे मीडिया के सामने पेश किया.

इसपर पलटवार कर पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि उसका परिवार अफगानिस्तान में बस गया था और उसके दो अन्य भाई भी आत्मघाती हमलावर रह चुके हैं. अफगानिस्तान ने फिर दोहराया कि उसके यहां हमला करने वाले इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस के ठिकाने पाकिस्तान में हैं और पाकिस्तान उन्हें आर्थिक मदद भी दे रहा है.

इस बीच अफगानी नागरिकों को लेकर पाकिस्तानी सरकार ने एक बेहद अहम निर्णय लिया है. अब अफगान नागरिक पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से नहीं घूम सकेंगे. पाकिस्तानी सरकार के नए फरमान के मुताबिक प्रत्येक अफगान नागरिक या शरणार्थी को स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपना पंजीकरण कराना होगा और दूसरे शहर या प्रांत की यात्रा करने से पहले उन्हें अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन से अनुमति लेनी होगी.


 xdv4kj
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *