यूपी में मंगलवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 3.2 आंकी गई। लखनऊ, मेरठ, सहारपनुर, बुलंदशहर, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा, दिल्ली और NCR समेत कई जिलों में झटके महसूस किए गए। इमारतों के हिलने से लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकलकर काफी देर तक सड़क पर खड़े रहे। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में रहा।
अलीगढ़ में भूकंप की हलचल करीब 4 मिनट तक महसूस की गई। लोगों का कहना था कि पहले तो कुछ समझ नहीं आया, लेकिन जब लाइटें और पंखे हिलने लगे, तो भूकंप का एहसास हुआ और दहशत की वजह से वे घरों से बाहर आ गए।
लखनऊ में भी भूकंप हाई-राइज इमारतों में ज्यादा महसूस किया गया। ऊपरी मंजिलों पर लाइटें और पंखे हिल रहे थे, जबकि निचले फ्लोर पर इसका असर नहीं महसूस हुआ। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने अब तक भूकंप से किसी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं की है।
एक दिन पहले उत्तराखंड, हिमाचल और गुजरात में आया था भूकंप
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सीस्मोलोजी सेंटर के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 40 किमी दूर जमीन के पांच किमी नीचे था। गुजरात के कच्छ जिले में सोमवार सुबह 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था।
भूकंप सुबह सात बजकर 35 मिनट पर आया, जिसका केंद्र कच्छ जिले के भचाऊ शहर से करीब 10 किलोमीटर उत्तर-पूर्वोत्तर (एनएनई) में था। कच्छ जिले में भूकंप का खतरा अधिक बना रहता है और नियमित रूप से यहां हल्के झटके महसूस किए जाते हैं।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। लोग घरों से बाहर की ओर दौड़े। राहत की बात यह रही कि इस भूकंप के कारण जिला चंबा में फिलहाल किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था।
दो दिन पहले इक्वाडोर में आया था भूकंप
साउथ अमेरिकी देश इक्वाडोर में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.8 थी। इस भूकंप के चलते 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 381 लोगों के घायल हुए। US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का सबसे ज्यादा असर गुयास में हुआ। ये कोस्टल इलाका है। भूकंप का केंद्र यहां से 80 किलोमीटर दूर ग्वायाक्विल शहर में था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है।
तुर्किये-सीरिया में 6 फरवरी को आए 3 बड़े भूकंप, 57 हजार लोगों की मौत
6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में 3 बड़े भूकंप आए थे। दोनों देशों में कुल मिलाकर 57 हजार लोग मारे गए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दोनों देशों में 2 करोड़ 60 लाख लोगों को अब भी मदद की जरूरत है। 75 साल में पहली बार WHO ने इतने बड़े लेवल पर रेस्क्यू ऑपरेशन किया था।
पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया। इसके बाद आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किये के 11 राज्यों में 6,040 आफ्टर शॉक भी आए। इन इलाकों को डिजास्टर जोन कहा गया। 6 हजार में से 40 आफ्टर शॉक 5 से 6 तीव्रता के थे। एक 6.6 तीव्रता का था। तुर्किये की स्थिति इतनी खराब हो गई कि यहां एक लाख से ज्यादा इमारतें नष्ट हो गईं।
क्यों आता है भूकंप?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
रिसर्चर बोले- भारत में भी आने वाला है शक्तिशाली भूकंप
तुर्की के भूकंप की भविष्यवाणी करने वाले रिसर्चर फ्रेंक होगरबीट्स ने अब भारत को लेकर भी ऐसा ही दावा किया है। एक वीडियो में फ्रेंक कहते हैं, ‘आने वाले कुछ दिनों में एशिया के अलग-अलग भागों में जमीन के भीतर हलचल की संभावना है। ये हलचल पाकिस्तान और अफगानिस्तान से होते हुए हिंद महासागर के पश्चिमी तरफ हो सकती है। भारत इनके बीच में होगा। वहीं चीन में भी आने वाले कुछ दिनों में भूकंप आ सकता है