बहराइच के कतर्नियाघाट जंगल में दो महिलाओं पर टाइगर ने हमला कर दिया। दोनों को मारकर टाइगर उन्हें खा गया। एक महिला का हाथ और दूसरी का सिर नहीं मिला है। शव क्षत-विक्षत हालत में जंगल में मिले हैं। दोनों महिलाएं नेपाल मूल की थीं। जंगल किनारे मवेशियों को चराने लाईं थीं। घटना के बाद वन विभाग की टीम टाइगर की तलाश में जुट गई है। टीम यह पता कर रही है आखिर कौन सा टाइगर था? क्या वह आदमखोर हो चुका है।
यह पूरी घटना भारत-नेपाल सीमा पर पिलर संख्या-79 नोमैंस लैंड की है। यह कतर्नियाघाट का जंगल है। सोमवार शाम को कुछ स्थानीय लोग यहां से गुजरे तो उन्होंने दोनों महिलाओं के शव नजर आए। इसके बाद, पुलिस को सूचना दी। क्योंकि, यह क्षेत्र नेपाल का था। ऐसे में नेपाल पुलिस पहुंची। दोनों महिलाओं के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक महिलाओं की शिनाख्त समुद्री बुढ़ा (45) और धनसारी गुरुंग (50) के तौर पर हुई है। यह दोनों नेपाल के बॉर्डर जिले मधुबन की रहने वाली थी। जंगल के पास के ही गांव में रहती थी। परिजन के मुताबिक, दोनों मवेशी चराने के लिए आईं थीं। जिस इलाके में टाइगर ने महिलाओं पर हमला किया है। यहां अक्सर ग्रामीण मवेशी चराने के आते हैं।
प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि टाइगर ने एक महिला का हाथ जबकि दूसरी महिला का सिर खा गया है। कतर्नियाघाट जंगल नेपाल से सटा है। जबकि नेपाल का रॉयल बर्दिया नेशनल पार्क बहराइच के जंगल से सटा है। टाइगर के हमले के बाद आसपास के गांव के लोग दशहत में हैं। ग्रामीणों ने वन अधिकारी से जल्द से जल्द बाघ का पता लगाने और उसे यहां से हटाने की बात कही है।
इलाके में अलर्ट, ग्रामीणों को जंगल के उस जाने से रोका
दो महिलाओं पर टाइगर के हमले के बाद इस इलाके में अलर्ट कर दिया है। आसपास के गांव के ग्रामीणों को वहां जाने से मना कर दिया है। भारत के साथ ही नेपाल का वन विभाग उस टाइगर का पता करने का प्रयास कर रहा है। मौके का मुआयना करके यहां भी पता करने का प्रयास हो रहा है कि किन हालात में बाघ ने दोनों महिलाओं पर हमला किया।
बता दें कि 13 फरवरी एक तेंदुए को वन विभाग की टीम ने पकड़ा था। दो महीने के अंदर इस तेंदुए ने दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जबकि एक को घायल कर दिया था। वहीं 12 से अधिक पशुओं को अपना निवाला बनाया था।